साढ़े 4 लाख राष्ट्रीय ध्वजों पर खर्च की साढ़े 3 करोड़ की राशि, अभियान में आधे भी नहीं लग सके

भोपाल। हर घर तिरंगा अभियान के लिए नगर निगम भोपाल ने 4,44,697 राष्ट्रीय ध्वजों का निर्माण करवाया था। राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण पर निगम ने एक करोड़ 17 लाख रुपए की राशि व्यय की। इसके अलावा इनके परिवहन और ध्वज की पिंची पर दो करोड़ 30 लाख रुपए व्यय किए गए। हालांकि अभियान के दौरान केवल 1,54,850 झंडे ही लगाए जा सके। यह जानकारी एमआईसी सुषमा बावीसा ने वार्ड-35 की पार्षद शिरीन खान के प्रश्न के उत्तर के रूप में दी। नगर निगम का बजट पेश करने से पहले प्रश्नकाल का आयोजन किया गया, जिसमें 16 प्रश्न पूछे जाने थे। जिसमें से केवल आठ ही पूछे जा सके। लगातार शोर-शराबे के कारण आधे प्रश्नों के उत्तर नहीं हो सके।
गूंजा प्रधानमंत्री आवास योजना का मुद्दा
इस दौरान वार्ड-29 के पार्षद देवांशु कंसाना ने पुराने और नए शबरी नगर में जेएनएनयूआरएम के तहत मकानों के संबंध में जानकारी मांगी। इस दौरान मकानों में जबरदस्ती कब्जे और मकान लेकर उन्हें किराए पर देने का मुद्दा जमकर परिषद में गूंजा। पक्ष और विपक्ष की बहस सुनने के बाद सभापति ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बन गए और लोगों को आवंटित भी हो गए, लेकिन आज भी कई लोग उन मकानों में शिफ्ट नहीं हो सके हैं। नियमानुसार इसकी पूरी जांच होना चाहिए।
गूंजा भ्रष्टाचार का मुद्दा
अगला प्रश्न वार्ड 23 की पार्षद लईका रफीक ने किया। लईका ने साल 2020 से 2022 तक स्वच्छ भारत मिशन के तहत तीन करोड़ की राशि व्यय कर 85 वार्डों में हुए पैंटिंग के कामों की जानकारी मांगी। इस दौरान भ्रष्टाचार का मुद्दा एक बार फिर सदन में गूंजा इस पर सभापति ने आयुक्त को निर्देश दिए कि यदि एक काम के दो बार भुगतान हुए हैं, तो इसकी जांच करा लें। मौके पर पहुंचकर फिजिकल वैरिफिकेशन के साथ फोटो भी खिंचवाएं।
नर्मदा कनेक्शन पर 22 हजार रुपए खर्च करता है निगम
वार्ड 62 से पार्षद राजेश चौकसे ने नर्मादा जल कनेक्शन की दरों की जानकारी मांगी। जिस पर एमआईसी रवींद्र यति ने जानकारी दी कि सीएम की घोषण के बाद सबको नर्मदा जल कनेक्शन देने का काम किया जा रहा है। जिन कॉलोनियों में 200 से कम मकान हैं। वहां 10 हजार रुपए प्रति घर और जहां 200 से ज्यादा मकान हैं, वहां 7500 रुपए प्रति मकान की दर से राशि वसूली जा रही है। यति ने बताया कि नर्मदा जल के प्रत्येक कनेक्शन पर 25 से 30 हजार रुपए की राशि व्यय होती है। अतिरिक्त राशि को उपभोक्ता सब्सिडी भी मान सकते हैं। इसके अलावा चौकसे ने इज्तिमा पर हुए खर्च की जानकारी और पार्षद पप्पू विलास ने बीआरटीएस कॉरिडोर की जानकारी भी मांगी। जिस पर सभापति ने कहा कि शहर को बीआरटीएस की जरूरत है या नहीं इसका अध्ययन होना चाहिए।
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