MP Election 2023 : मध्यप्रदेश का वो मुख्यमंत्री जिसे नींद के कारण देना पड़ा था पद से इस्तीफा

MP Election 2023 : मध्यप्रदेश का वो मुख्यमंत्री जिसे नींद के कारण देना पड़ा था पद से इस्तीफा
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2023 का साल मध्यप्रदेश के लिए चुनावी साल हैं। साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने है। विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी-कांग्रेस ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। प्रदेश में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे है वैसे ही नेताओं में भगदड़ भी मचने लगी है। बीते दिनों मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी ने अपने हजारों समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

MP Election 2023 : 2023 का साल मध्यप्रदेश के लिए चुनावी साल हैं। साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने है। विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी-कांग्रेस ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। प्रदेश में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे है वैसे ही नेताओं में भगदड़ भी मचने लगी है। बीते दिनों मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी ने अपने हजारों समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

दीपक जोशी का कहना था की उनके स्वर्गीय पिता के लिए स्मारक बनाने के लिए बीजेपी जमीन ने दे पाई। इसलिए उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है। कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी कांग्रेस में शामिल हो गए, लेकिन क्या आपका बता है कि कैलाश जोशी कौन थे, और उन्हें अपनी नींद के चलते मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। आइए आपको बताते है।

कैलाश जोशी प्रदेश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री भी थे। उनसे जुड़ा एक किस्सा मध्यप्रदेश की सियासत में काफी प्रचलित है। कैलाश जोशी को इतनी नींद आती थी कि उनकी इस बीमारी से जनता पार्टी के नेता काफी परेशान रहते थे। क्योंकि उनके इस आदत से विपक्ष को मुद्दा मिल जाता था।

नींद लेने के थे आदी

जोशी को अपने इस आदत के कारण इस्तीफा तक देना पड़ा था। वो नींद लेने के इतने आदी थे कि उन्हें इसके सामने कुछ नहीं दिखता था। वो जब मुख्यमंत्री बनें थे तब मध्यप्रदेश में जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत से जीत मिली थी। जीत के बाद कैलाश जोशी को विधायक दल का नेता चुना गया था। लेकिन उन्हें कुछ ऐसी बीमारी थी कि वो दिनभर में 18-18 घंटे तक सोते रहते थे। उन्हें सचिवालय गए हफ्ते हो जाते थे। अगर कोई अफसर जरूरी फाइल को लेकर उनके घर तक जाता थ। तो वो फाइल पर साइन करते-करते सो जाते थे।

पार्टी को लगता था कि मुख्यमंत्री पर जादू टोना किया गया है

कांग्रेस जहां इस चीज को लेकर मुद्दा बनाती थी। वहीं जनता पार्टी को लगता था कि विपक्ष ने उनके मुख्यमंत्री पर कोई जादू टोना करवाया है। इस कारण से वो दिन रात नींद में रहते हैं। लोग उनके नींद को लेकर तरह-तरह की बातें किया करते थे। इस बात से परेशान होकर उनसे मिलने केंद्रीय नेतृत्व के एक बड़े नेता भोपाल आए। जोशी भी इस दिन मीटिंग में जाने के लिए तैयार हो गए थे। वो सीएम आवास से निकल भी चुके थे। लेकिन जिस जगह पर दोनों की मुलाकात होनी थी। उससे पहले ही उन्हें नींद आने लगी। उन्होंने ड्राइवर को गाड़ी घुमाने के लिए कहा और वो वापस सीएम हाउस आ गए। वहीं, उनसे मुलाकात करने आए नेता इंतजार करते रह गए।

पीएम जब मिलने पहुंचे तब भी सो रहे थे

कैलाश जोशी जब मुख्यमंत्री थे तब केंद्र में भी जनता पार्टी की सरकार थी और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री हुआ करते थे। उन्होंने मध्य प्रदेश में तीन दिनों का दौरा निर्धारित किया था। जब वो भोपाल एयरपोर्ट पहुंच, तो प्रोटोकॉल के अनुसार पीएम की आगवानी के लिए सीएम कैलाश जोशी को एयरपोर्ट पर जाना था। लेकिन उनकी जगह पर जनता पार्टी के ही नेता वीरेंद्र कुमार सकलेचा पहुंचे। पीएम भी दौरा शुरू करने से पहले सीधा एयरपोर्ट से सीएम आवास पहुंच गए। अधिकारियों ने सीएम को बताया कि आवास पर प्रधानमंत्री आए हैं। जोशी तब भी सो रहे थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मैं आता हूं और वो दूसरी तरफ करवट करके सो गए।

बीमारी के कारण काम पर नहीं दे पा रहे थे ध्यान

कहा जाता है कि इस घटना के बाद कैलाश जोशी को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। क्योंकि वो अपनी नींद की बीमारी के कारण काम पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहे थे। हालांकि वो जनता पार्टी के एक कद्दावर नेता थे। उन्हें मध्यप्रदेश की राजनीति का संत भी कहा जाता था। 24 नवंबर 2019 को उनका निधन हो गया।

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