जी-20 के थिंक-20 कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री- आज संघर्ष नहीं प्रेम की जरूरत, जो हमसे कमजोर, उन्हें भी अपनाएं

जी-20 के थिंक-20 कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री- आज संघर्ष नहीं प्रेम की जरूरत, जो हमसे कमजोर, उन्हें भी अपनाएं
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मप्र में दो दिनी जी-20 के विशेष थिंक-20 कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 में विचार का विषय वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर रखा है। दरअसल, यह दुनिया को बचाने का मंत्र है। उन्होंने कहा कि आज संघर्ष नहीं प्रेम की जरूरत है। जो हमसे कमजोर है, उन्हें भी अपनाएं। अंधी प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए। यह दुर्भाग्य की बात है कि विश्व के अधिकांश संसाधनों का उपयोग चंद लोग ही करते हैं, जबकि यह पृथ्वी हम सभी के लिए है।

भोपाल। मप्र में दो दिनी जी-20 के विशेष थिंक-20 कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 में विचार का विषय वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर रखा है। दरअसल, यह दुनिया को बचाने का मंत्र है। उन्होंने कहा कि आज संघर्ष नहीं प्रेम की जरूरत है। जो हमसे कमजोर है, उन्हें भी अपनाएं। अंधी प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए। यह दुर्भाग्य की बात है कि विश्व के अधिकांश संसाधनों का उपयोग चंद लोग ही करते हैं, जबकि यह पृथ्वी हम सभी के लिए है।

मुख्यमंत्री ने की यह अपेक्षा

मुख्यमंत्री चौहान कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में विश्व के 52 देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। इसमें विश्व की 85 फीसदी अर्थव्यवस्था को संचालित करने वाले प्रमुख 20 देशों के साथ ही भारत ने मित्र देशों को भी आमंत्रित किया है। दो दिवसीय बैठक पर्यावरण सम्मत जीवन-शैली, नैतिक मूल्य और सुमंगलम वैश्विक सुशासन के लिए परस्पर सहयोग पर केंद्रित है। चौहान ने कहा कि पूरा विश्व एक परिवार है। भोपाल में जी-20 के विशेष थिंक-20 बैठक के विचार सत्र महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगे। निश्चित ही इस कार्यक्रम में शामिल बुद्धिजीवियों और चिंतकों के विचार- मंथन से अमृत निकलेगा। इस दो दिनी बैठक का निष्कर्ष मंगलवार को प्रस्तुत किया जाएगा।

इन अतिथियों ने ने भी रखे अपने विचार-

- जी-20 की थिंक 20 बैठक के वैचारिक कार्यक्रम में भारत सरकार के नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि विश्व भर से आए चिंतक पर्यावरण सम्मत जीवन-शैली और नैतिक मूल्यों के महत्व पर अपने विचार रखेंगे। नीति आयोग ने एकात्मता का संदेश देने, जन-भागीदारी, संवेदना, सद्भाव, वसुधैव कुटुम्बकम् और पर्यावरण हितैषी जीवन-शैली के लिए मध्यप्रदेश में इस वैचारिक सत्र के आयोजन में सहयोग दिया है। प्रधानमंत्री मोदी वन अर्थ, वन फेमिली और वन फ्यूचर के विचार को लोकप्रिय बना रहे हैं।

- टी-20 चेयर और मनोहर पर्रिकर-आईडीएसए, नई दिल्ली के महानिदेशक सुजॉन चिनॉय ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छता पर बल दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता को जन-अभियान बनाया। आज कम हो रहा ग्रीन कवर चिंतनीय है। पर्यावरण का संतुलन आवश्यक है। यह वैचारिक सत्र इस विषय के महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने लाएगा।

- एशियन डेव्ालपमेंट बैंक (एडीबी) जापान के सीईओ टेत्सुशी ने कहा कि भारत की पर्यावरण के प्रति चिंता और इस कार्यक्रम की रूपरेखा प्रशंसनीय है। अनेक राष्ट्रों के विचारक एक मंच पर आए हैं।

- अंतर्राष्ट्रीय बाल कोष (यूनिसेफ) के दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय निदेशक जॉर्ज लारिया ने कहा कि तकनीक के सदुपयोग से पर्यावरण और कल्याण के कार्यों का संचालन करने की दिशा में नए विचार सामने आएंगे। एक पृथ्वी और एक परिवार का सूत्र हमारे भविष्य को सुरक्षित रखने का माध्यम है।

- भारत सरकार के जी-20 के मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि स्मार्ट और क्लीन सिटी भोपाल देखकर प्रसन्नता हुई। जी-20 में भारत की अध्यक्षता महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। इण्डोनेशिया के उप मंत्री डॉ. स्लेमेट सोएडरसोनो ने कहा कि मूलभूत चुनौतियों से निपटते हुए विकास की प्राप्ति के लिए मिल कर कदम बढ़ाने होंगे।

- मप्र नीति आयोग के उपाध्यक्ष सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने मप्र को बीमारु राज्य की श्रेणी से बाहर निकाल कर विकास के लिए अग्रसर बनाया है। आज सर्व समावेशी विकास के लिए जिस मॉडल की आवश्यकता है, वो पर्यावरण सम्मत जीवन-शैली से संभव है। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान की डॉ. इंद्राणी बड़पुजारी ने आभार व्यक्त किया।

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