सीपीएस पद्धति से अफीम की खेती करने वाले काश्तकारों को 25 अप्रैल से मिलेगी राशि, मंदसौर जिले के लिए तारीख तय

भोपाल। मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में सीपीएस पद्धति से अफीम की खेती करने वाले किसानों को राशि मिलेगी। जिले को तीन खंडों में बांटकर राशि बांटने का निर्णय लिया गया है। इसकी तारीख तय हो गई हैं। 25 अप्रैल से डाेंडा की तौल शुरू हो जाएगी। क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्ता ने इसके लाभ बताए हैं लेकिन किसानों को यह व्यवस्था रास नहीं आ रही है।
तय गाइड लाइन से खरीदेंगे डोडा
अधिकारी सरकार की तय गाइड लाइन से डोडा खरीदने की बात कह रहे हैं। किसान कट्टों में डोडा लेकर आएंगे नारकोटिक्स अधिकारियों की जांच के बाद डोडा का तौल किया जाएगा। इसका भुगतान 200 प्रति किलो के मान से किया जाएगा। जिले में डोडा खरीदी के लिए मंदसौर, सीतामऊ और गरोठ में केंद्र बने गए है। जिले में 3 हजार 599 किसानों को सीपीएस पद्धति से अफीम की खेती करने के लिए लाइसेंस जारी किया गया था, इनमें 908 किसानों ने फसल खराब होने पर विभाग के अधिकारियों की देखरेख में नष्ट करवा दी थी।
नई पद्धति से किसानों को लाभ
सांसद गुप्ता ने बताया कि पहले ही अफीम का पर्याप्त स्टॉक सरकार के पास है। नई पद्दति में अधिक किसानों को लाभ मिलेगा। यह नीति किसानों के लिए हितकारी है। वहीं, सांसद ने यह भी बतया की नई नीति के बाद इस पर डिबेट भी हो रहा है।
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