पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण: कांग्रेस के स्थगन पर विधानसभा में बहस, तन्खा पर टिप्पणी से बवाल

भोपाल। कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल द्वारा दिए गए स्थगन पर विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन चर्चा चल रही है। सत्तापक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर ओबीसी आरक्षण का विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं। सत्तापक्ष ने जब कहा कि विवेक तन्खा ने कोर्ट में ओबीसी आरक्षण के खिलाफ बहस की है। इस पर सदन के अंदर हंगाम हो गया। कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि सत्तापक्ष गलत जानकारी देकर अपनी गलती छुपा कर गुमराह कर रहा है। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि विवेक तंखा ने ओबीसी आरक्षण के विरोध में याचिका दायर की थी। मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि विवेक तंखा की वजह से यह स्थिति बनी है। उन्होंने पूछा है कि विवेक तंखा कौन है, यह बताने की कृपा करें। इस मामले में सदन में दोनों पक्षों के बीच जमकर बहस हुई। चर्चा लगातार जारी है।
पंचायत चुनाव के लिए फिर परिसीमन कराए सरकार
कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल ने कहा कि आज की स्थिति सरकार के कारण बनी है। सरकार पिछड़ों के हितों की की रक्षा करना चाहती थी तो पुराने आरक्षण नियम से चुनाव कराया जाना चाहिए था। भाजपा नेता अपनी गलती छिपाने कांग्रेस नेताओं पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं। दिग्विजय सिंह सरकार ने 27 प्रतिशत पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिया। जिन्होंने आरक्षण का विरोध किया सरकार ने उनको सम्मानित किया। पटेल ने कहा कि मप्र सरकार पिछड़ा वर्ग की हितैषी है तो लोक सेवा आयोग के इंटरव्यू के दौरान इस वर्ग का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। सभी कोर्ट, सभी परीक्षाओं के इंटरव्यू के बोर्ड में पिछड़े वर्ग के व्यक्ति को शामिल किया जाए। सरकार पंचायत चुनाव के लिए फिर से परिसीमन कराए।
भूपेंद्र ने कहा तो इस्तीफा देकर चला जाऊंगा
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने सभी रोटेशन प्रक्रिया को अपनाकर पंचायत चुनाव कराए। उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि चुनाव जल्दी हो। निर्वाचन आयोग ने प्रक्रिया शुरू कर दी, लेकिन कांग्रेस ने चुनाव रोकने की कवायद शुरू कर दी थी। वह चुनाव को रोकने के लिए 5 बार उच्च न्यायालय गई। भूपेंद्र सिंह ने हाई कोर्ट में दायर याचिका की तारीख वार जानकारी सदन में रखी।। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यदि एक शब्द भी गलत होगा तो अपना इस्तीफा देकर चला जाऊंगा।
कोर्ट क्यों गए, इसकी जानकारी दें
सुखदेव पांसे ने कहा कि याचिकाओं मेंं ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर कुछ नहीं कहा गया था। कांग्रेस विधायक सोहन लाल वाल्मीकि ने कहा कि सदन मे गलत जानकारी दी जा रही है। कमलनाथ ने कहा कि कोर्ट क्यों जाना पड़ा, इसकी जानकारी भी दी जाए। विधायक तरुण भनोट ने कहा कि ओबीसी आरक्षण मे सरकार की तरफ से सरकारी वकील क्यों नहीं खड़ा हुआ है।
आमने-सामने कमलनाथ-शिवराज
कमलनाथ ने कहा, कोर्ट के ऑर्डर का बहाना न बनाएं। हम अब साथ कोर्ट चलते हैं। सदन सर्वसम्मित से इसे पास करे कि ये स्वीकार है या नहीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ओबीसी के कल्याण के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और न ही छोड़ेंगे। पिछड़े वर्ग के कल्याण के साथ हम। हमने नीट में 27 फीसदी आरक्षण दिया। हाल ही में हमने आठ हजार आठ सौ पदों पर भर्ती निकाली, जिस पर 27 फीसदी आरक्षण दिया है।
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