कटनी की पहचान के अब चूने से ही नहीं, अवैध रेत खदान से भी, नदी पर रैंप बनाकर बखौफ खुदाई जारी

कटनी की पहचान के अब चूने से ही नहीं, अवैध रेत खदान से भी, नदी पर रैंप बनाकर बखौफ खुदाई जारी
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कटनी जिले की पहचान सिर्फ़ चूने और मार्बल से नही अब रेत उत्खनन से भी होने लगी है। जी हां, यह वही जिला है जहां के पुलिस कप्तान ललित शाक्यवार का तबादला इसलिए कर दिया गया, क्योंकि कटनी के पत्रकार ने मुख्यमंत्री को कटनी में चल रहे अवैध रेत उत्खनन की शिकायत ट्वीट के जरिए की थी। इस शिकायत के बाद नाराज सीएम ने भरी सभा यानि विडियो कांफ़्रेंसिंग में सबके सामने पुलिस कप्तान को फ़टकार लगा कर जिले से बेदखल कर दिया था, लेकिन क्या यह सब महज तमाशा था, ताकि जनता यह मान ले कि सूबे के मुखिया को अपने राज्य और संपदा की बेहद चिंता है? असल माजरा क्या है, पढ़िए इस खबर में-

कटनी। अवैध रेत उत्खनन की ऐसी कई तस्वीरें हैं, जो सीएम की नाराजगी के बाद कटनी जिले की शोभा बढाती नजर आ रही हैं। ये तस्वीरें इस बात की तस्दीक करती हैं कि सूबे के मुखिया की नाराजगी और पुलिस कप्तान के तबादले के बाद कितना बदलाव आया है? एक नजारा है कटनी के बड़वारा थाना क्षेत्र के रोहनिया ग्राम के लालपुर घाट का, जहां नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के गाईड लाईन और मध्य प्रदेश पर्यावरण मंडल भोपाल द्वारा जारी पर्यावरण स्वीकृति के नियम और शर्तों की धज्जियां उड़ती नजर आ रही है। यहां दो पोकलेन मशीनों के जरिए नदी में रैंप बना कर नदी की छाती को छलनी करने का काम किया जा रहा है। यह सब तो तब भी हो रहा था, जब ललित शाक्यवार कटनी के एसपी थे, फ़िर उनके तबादले से बदल क्या गया? मुख्यमंत्री ने कटनी में चल रहे इस तरह के अवैध गोरखधंधों से परेशान होकर पुलिस कप्तान से पहले कलेक्टर का भी रास्ता नाप दिया था, लेकिन हासिल आई शून्य।

कटनी के पूर्व कलेक्टर शशिभूषण सिंह के बाद कटनी की कमान सम्भालने पहुंचे कटनी के मौजूदा कलेक्टर प्रियंक मिश्रा भी इस तरह के मामलों में कुछ खास कर पाते तो ऐसी तस्वीरें आपके सामने नही आ पातीं। रेत खदान बिस्टा कंपनी की है, जिसके रसूख के आगे सरकार भी नतमस्तक है, वरना यह तमाम कारगुजारी खनिज और प्रदूषण विभाग के अधिकारियों को यह सब कुछ नजर क्यों नही आता? इस तरह के तमाम सवाल हैं जो इस बात की तस्दीक करते हैं कि जिले में चल रहे अवैध रेत के कारोबार को रोकना सरकार और उसके नुमांईदों के बूते की बात नही है। खास बात ये कि पानी पी-पीकर सरकार को कोसने वाले बड़वारा क्षेत्र के विधायक बसंत सिंह को भी नही पता है कि उनके इलाके में इतने बड़े पैमाने पर इस तरह से रेत का उत्खनन चल रहा है। वे बड़ी मासूमियत से यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें इस बात की भनक भी नही है कि इलाके में हो क्या रहा है। अलबत्ता मौजूदा सरकार को कोसने में विधायक ने कोई कसर नही छोड़ी है।

नदी पर रेम्प बनाकर रेत उत्खनन पर कलेक्टर ने मीडिया से बात करते हुए कहा- 'मीडिया के माध्यम से मुझे जानकारी लगी है। हम इसमें माइनिंग विभाग द्वारा सत्यापन कराएंगे। उस लोकेशन पर खदान वैध है या अवैध है, यह पता लगाने के बाद अगर कहीं प्रावधानों का उल्लंघन पाया गया तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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