मोबाइल एप बताएगा प्रापर्टी के रेट, संपत्ति के फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

मोबाइल एप बताएगा प्रापर्टी के रेट, संपत्ति के फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
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पिछले दो साल से प्रॉपर्टी के नए साफ्टवेयर का काम चल रहा है। अब इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। अब अप्रैल माह में इसके लांच होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस पर तेजी से काम चल रहा है। इसकी खासियत यह रहेगी कि इस एप के जरिये आम आदमी अपने मोबाइल फोन पर आसानी से पता कर सकेगा कि शहर में किस जगह प्रापर्टी महंगी और कहां सस्ती है।

पंजीयन विभाग कर रहा संपदा टू एप को शुरू करने की तैयारी

एक अप्रल से शुरु होगा संपदा का 2.0 वर्जन

भोपाल। पिछले दो साल से प्रॉपर्टी के नए साफ्टवेयर का काम चल रहा है। अब इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। अब अप्रैल माह में इसके लांच होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस पर तेजी से काम चल रहा है। इसकी खासियत यह रहेगी कि इस एप के जरिये आम आदमी अपने मोबाइल फोन पर आसानी से पता कर सकेगा कि शहर में किस जगह प्रापर्टी महंगी और कहां सस्ती है। साथ ही जमीन से संबंधित फर्जीवाड़ों पर भी रोक लगेगी। दरअसल कृषि भूमि और घर की रजिस्ट्री कराने के लिए खसरे में प्रापर्टी का नामांतरण और बंटान होने पर ही यह साफ्टवेयर काम करेगा। एक अप्रल को नई गाइडलाइन जारी करने के साथ नए वर्जन पर काम शुरु कर दिया जाएगा।

इस साफ्टवेयर की खासियम यह रहेगी कि इसमें खसरे में गलत जानकारी का भी पता चल जाएगा। इसके लिए एप में 900 से ज्यादा लोकेशन की मैपिंग कर ली गई है, इनमें जिले के चार हजार से ज्यादा स्थान हैं। इस एप की मदद से लोग जमीन का खसरा नंबर डालकर भी संबंधित कलेक्टर गाइडलाइन में जमीन का रेट पता कर सकेंगे। जिसमें प्लाट, फ्लैट, डुप्लेक्स, खेती की जमीन या फिर अन्य जमीन की स्थिति खसरों में स्पष्ट की गई है। अभी यह पता करना आसान नहीं है। वहीं, लगभग साढ़े छह लाख संपत्ति की आईडी तैयार की गई है। बाकी पर काम चल रहा है। यह एप पंजीयन विभाग की वेबसाइट या गूगल एप से डाउनलोड किया जा सकेगा।

यह हैं एप की खासियत

- भारी-भरकम पेज आधारित कलेक्टर गाइडलाइन की नहीं पड़ेगी जरूरत

- प्रापर्टी टैक्स और जमीन की खरीद-फरोख्त में आएगी पारदर्शिता

- किसी के नाम की जमीन कोई दूसरा नहीं बेच सकेगा, फर्जीवाड़ा करने पर आएगा मैसेज

- नामांतरण और बंटान न होने पर साफ्टवेयर नहीं करेगा काम

मोबाइल पर मिलेगा प्रॉपर्टी का अपडेट

संपदा टू एप को लेकर तैयारियां चल रही हैं। इसके जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। इसमें प्रापर्टी संबंधी सभी जानकारी रहेगी। आम व्यक्ति अपने मोबाइल पर आसानी से कलेक्टर गाइडलाइन की दरें पता कर सकेगा और प्रापर्टी के फर्जी दस्तावेज बनाने पर भी इसकी मदद से रोक लग सकेगी।

स्वपनेश शर्मा, प्रभारी अधिकारी संपदा साफ्टवेयर

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