भोपाल में तेजी से पैर पसार रही है यह बीमारी, जनवरी में ही सतर्क हो जाते तो नहीं बनती यह स्थिति, जानिए क्या रहा कारण

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बरसात के बाद मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। सरकारी अस्पताल हो या फिर निजी अस्पताल, मरीजों की भीड़ लगी है। जेपी और हमीदिया अस्पताल की ओपीडी 1500 से पार हो गई। बावजूद इसके जिम्मेदार विभाग एक दूसरे पर लापरवाही का ठीकरा फोड़ रहे है। इसी का परिणाम है कि भोपाल में अब तक 184 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। यह आंकड़ा यह बताने के लिए काफी है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज राजधानी में ही है। यह हालात तब हैं जबकि स्वास्थ्य से जुड़ी हर प्लानिंग का क्रियान्वयन यहीं से शुरू होता है। ऐसे में यदि अफसर संक्रमण को रोकने में नाकाम हैं तो उनकी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न लगना स्वाभाविक है।
चिकनगुनिया के मिले 209 मरीज
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की माने तो प्रदेश में भोपाल में सबसे 184, इंदौर-154, जबलपुर 44, ग्वालियर 31, और होशंगाबाद 13 डेंगू पॉजिटिव मरीज हैं। प्रदेश में अब 2 हजार 915 मरीजों को डेंगू बुखार हो चुका है। जबकि 209 मरीजों को चिकनगुनिया हुआ है।
तालमेल में कोई कमी नहीं
स्वास्थ्य विभाग और निगम के बीच तालमेल में कोई कमी नहीं है। दोनों की टीमें शहर के अलग-अलग इलाकों में मच्छरों को मारने के लिए दवाओं का छिड़काव व फॉगिंग करा रहे हैं। मलेरिया, चिकिनगुनिया और डेंगू के मरीज बढ़ने का कारण इस बार लंबे समय तक बारिश का होना भी है।
डॉ प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ
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- इकना कहना
जनवरी से शहर में लार्वा सर्वे और दवाओं का छिड़काव शुरू करवा दिया था, लेकिन नगर निगम के द्वारा दवाओं का छिड़काव और फॉगिंग बारिश के बाद शुरू करवाई गई।
अखिलेश दुबे, जिला मलेरिया अधिकारी
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