भोपाल में सात हजार खाली पड़े प्लाट फैला रहे यह बीमारी, नगर निगम का स्वास्थ्य अमला बेखबर, शिकायत के बाद भी लापरवाही

भोपाल में सात हजार खाली पड़े प्लाट फैला रहे यह बीमारी, नगर निगम का स्वास्थ्य अमला बेखबर, शिकायत के बाद भी लापरवाही
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भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी में डेंगू ने दस्तक दे दी है। शहर की अलग अलग कॉलोनियों में ऐसे प्लॉट हैं, जो लंबे समय से खाली हैं। इन प्लॉटों में बारिश का पानी भरा होने के साथ कचरा भी जमा हो गया है, जिनमें डेंगू का लार्वा पनप रहा है। शहर में ऐसे प्लॉटों की संख्या करीब सात हजार है। नगर निगम और मलेरिया विभाग की टीमें यहां न तो दवा छिडकाव का काम कर रही है न ही इन प्लॉटों से कचरा उठा रही है।

भवनों के बेसमेंट भी पानी भरा

दरअसल चार साल पहले नगर निगम ने शहर में खाली प्लॉटों का सर्वे किया था, जिसके सर्वे में पांच हजार प्लॉट खाली मिले थे, वहीं इस साल यह संख्या बढ़कर अब सात हजार तक पहुंच गई है। निगम ऐसे प्लॉट मालिकों को नोटिस देता है, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा कई क्षेत्रों में बड़े व्यावसायिक और रहवासी भवनों के बेसमेंट में भी पानी भरा हुआ है। कई बेसमेंट में तो तीन से चार फीट तक का पानी भर गया है। एमपी नगर के साथ अरेरा कॉलोनी, कोलार और पुराने शहर में सैकड़ों ऐसे भवन हैं जहां बेसमेंट में पानी भरा हुआ है।

साफ पानी में पनपता है डेंगू का मच्छर

डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पनपता है। बारिश का जमा पानी मच्छरों के प्रजनन के लिए सबसे मुफीद है। इस पानी में लार्वा को रोकने के लिए 136 टीमें काम कर रही हैं, लेकिन ये तमाम टीमें सिर्फ घरों में ही सर्वे कर रही हैं, अब तक खाली प्लॉटों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई।

नहीं होती सफाई

खाली प्लॉट मालिकों में से ज्यादातर खरीदकर इन्हें जस का तस छोड़ देते हैं और इनकी कीमत बढ़ऩे का इंतजार करते हैं। ऐसे प्लॉट मालिक रहते कहीं और हैं और प्लॉट कहीं और खरीदते हैं। लिहाजा ये इन प्लॉटों की न तो कभी सफाई करवाते हैं और न ही फिलिंग। कई ने तो बाउंड्री तक नहीं बनवाई है। कभी कभार आकर ये देख जाते हैं कि उनके प्लॉट पर कोई कब्जा तो नहीं कर रहा।

दवा भी बेअसर

नगर निगम लार्वा मारने के लिए दवा का छिडकाव कर रहा है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इन दवाओं का असर खत्म हो गया है। इसलिए इस बार इतनी बड़ी संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं। इन दवाओं के इस्तेमाल का खास तरीका और तय मात्रा होती है। यह जानकारी एंटी लार्वा कर्मचारी को होती हैं, लेकिन नगर निगम और मलेरिया विभाग में काम कर रहे कर्मचारियों को इसकी टे्रनिंग नहीं दी जाती।

टीमें करेंगी जुर्माना

खाली प्लॉटों पर जुर्माना किया जा रहा है। इसके साथ ही खाली प्लॉटों में डीजल डलवाने और उन्हें खाली कराने का काम भी किया जा रहा है। जिन प्लॉटों पर कचरा जमा है, उसे हटाया जाएगा।

वीएस चौधरी, कमिश्नर, नगर निगम

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