बिजनेस लोन के नाम पर फायनेंस कंपनी से ठगी करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

बिजनेस लोन के नाम पर फायनेंस कंपनी से ठगी करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार
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मध्य प्रदेश पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है ,जो की ऑनलाइन के जरिए लोगों और कंपनियों से पैसा ऐठने का काम करते है। इस गिरोह से 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने फर्जी दस्तावेज लगाकर कंपनी के साथ 10 लाख रुपए की ठगी करना स्वीकार किया है जानें क्या पूरा मामला ..

भोपाल हरिभूमि समाचार: सायबर क्राइम ब्रांच की टीम ने बिजनेस लोन देने वाली कंपनी के साथ लाखों रुपये की ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से वारदात में प्रयुक्त पांच मोबाइल फोन और आठ सिमकार्ड समेत अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कंपनी के साथ करीब 10 लाख रुपये की ठगी की है। इस मामले में कई अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

पुलिस के मुताबिक मुंबई की अर्थशास्त्र फिनटेक प्रायवेट लिमिटेड नामक कंपनी

अ़ॉनलाइन बिजनेस लोन देने का काम करती है। यह कंपनी दस हजार रुपये से लेकर बीस लाख रुपए तक का लोन अ़़ॉनलाइन उपलब्ध कराती है। पिछले दिनों कंपनी के मैनेजर ने सायबर क्राइम ब्रांच में शिकायत की थी, कि भोपाल के करीब 78 लोगों ने कंपनी से लगभग 50 लाख रुपये का लोन लिया, लेकिन वापस नहीं किया। कंपनी ने जब अपने स्तर पर जांच की तो पता चला कि जिन लोगों ने लोन प्राप्त किया था, उन्होंने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। इसके आधार पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया था। तकनीकी एनालिसिस और प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपियों के नाम अमितेष अग्रवाल (22) निवासी बीमाकुंज कोलार रोड, जयकुमार सिंधी (27) निवासी नरेला शंकरी अयोध्या नगर और सलमान अंसारी (27) निवासी निजामुद्दीन कालोनी के पास थाना पिपलानी बताए गए हैं। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर कंपनी के साथ 10 लाख रुपए की ठगी करना स्वीकार किया है। यह तीनों आरोपी पूर्व में प्रायवेट बैंक और फायेंस कंपनी तथा वेस्टप्राइज में काम कर चुके हैं।

इस प्रकार देते थे वारदात को अंजाम

आरोपीगण लोगों से उनका क्रेडिट कार्ड बनवाने, बैंक खाता खुलवाने और लोन दिलाने का झांसा देकर आधार कार्ड, पेन कार्ड और मोबाइल नंबर लेते थे। इन दस्तावेजों के आधार पर वह फर्जी दुकान का गुमास्ता तैयार करते और गुमास्ता के अनुसार गूगल से दुकान के नाम पर फोटो डाउनलोड कर लेते थे। इन्हीं कागजातों के आधार पर वह ईपेलेटर ऐप पर रजिस्ट्रेशन करके क्रेडिट लिमिट एप्रूव्ड कराते थे। लिमिट एप्रूव्ड होने के बाद उसी आधार और पेनकार्ड से लिंक बैंक खाता को क्रेडिट लिमिट एक्टिव करने के लिए ईपेलेटर में इंटर करते थे। यह बैंक खाता वह पहले ही लोगों के दस्तावेजों के आधार पर खुलवा कर रखते थे। उसके बाद वह वेस्टप्राईज में उक्त गुमास्ता के नाम पर कार्ड के लिए अप्लाई कर शापिंग कार्ड प्राप्त करते थे। उसके बाद वह उसी कार्ड के माध्यम से लिमिट के सामान खरीदकर बाजार में कहीं भी बेचकर कैश रकम प्राप्त कर लेते थे। पुलिस इस प्रकार की ठगी करने वाले अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।

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