संतान सुख की प्राप्ति के लिए एक पत्नी ने SP से लगाई गुहार, कहा मेरा अधूरापन ...

शिवपुरी:: लम्बे वक़्त से जेल में बंद अपने बेटे की रिहाई के लिए एक पिता काफी महीनों से जेल के चक्कर काट रहा है। बावजूद उसके न तो उसकी बात सुनी जा रही है न ही उसके बेटे को जमानत मिल रही है। बता दें कि आरोपी युवक शादी के कुछ दिन बाद ही हत्या के मामले में जेल पहुंच गया। जिसके चलते पिछले सात साल से वह जेल में बंद है। जिसकी रिहाई के लिए न सिर्फ पिता बल्कि उसकी पत्नी ने भी ग्वालियर सेंट्रल जेल में पैरोल के लिए अर्जी लगाई है। ताकि वह अपने पति के साथ थोड़ा वक्त बीता सके।
संतान सुख की प्राप्ति के लिए पत्नी ने SP से लगाई गुहार
आपको सुनकर शायद हैरानी हो रही होगी लेकिन ये बिलकुल सच है। हाल ही में महिला ने पति की जमानत के लिए अर्जी में कहा है कि उसका कोई संतान नहीं है। संतान सुख की प्राप्ति के लिए पति के पैरोल की मांग की है। वहीं, कैदी के पिता ने भी अर्जी लगाई है, उसमें उन्होंने दादा बनने की इच्छा जाहिर की है। ऐसी फरियाद सुनकर SP भी हैरान रह गया।
मजबूर पिता ने पोते के साथ खेलने की जताई इच्छा
इसके साथ ही आरोपी के पिता ने कहा - में अपने जीते जी अपने पोते के साथ खेलना चाहता है। अपने पोते के साथ खेलने के करीमा जाटव के सारे अरमान चूर हो गए। इसलिए मजबूर पिता ने पैरोल के लिए एसपी से अनुशंसा की गुहार लगाई है, ताकी उनका बेटा दारा कुछ दिन के लिए जेल से बाहर आकर अपना परिवार बढ़ा सके। हालांकि अभी तक आरोपी ( दारा ) को पेरोल तो नहीं मिला है। लेकिन उनका परिवार आज भी बेटे की जमानत की गुहार लगता फिर रहा है। बता दें कि,पैरोल एक कानूनी प्रक्रिया है जिसका फायदा कैदी को किसी परिजन की शादी, मृत्यु या गंभीर बीमारी में मिलता है। इसके जरिए वो तय अवधि तक जेल से बाहर रह सकता है।
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