आज ऐतिहासिक दिव्य अलौकिक विवाह का साक्षी बनेगा भोपाल

भोपाल। ब्रह्माकुमारीज भोपाल के ब्लेसिंग हाउस सेवा केन्द्र में एक ऐतिहासिक दिव्य अलौकिक विवाह होने जा रहा है, जिसमें दुल्हन तो दिखाई देंगी, लेकिन दूल्हे राजा अदृश्य शिवपरमात्मा होंगे। जिनकी शक्तियां आयोजन स्थल को ऊजार्वान करती हुई बाराती के रूप में भोपाल के सैकड़ों नगरवासी शामिल होंगे। दरअसल, ब्रह्माकुमारीज संस्थान के माध्यम से बेटियां ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर खुद में दिव्य गुणों की धारणा कर स्वयं एवं विश्व कल्याण के अर्थ ब्रह्माकुमारी के रूप में आजीवन समाजसेवा का संकल्प लेती हैं। प्रतिज्ञा लेकर आजीवन समाज सेवा एवं विश्व सेवा के साथ स्वयं का जीवन में उच्च आदर्शों को स्थापित करने की प्रतिज्ञा लेंगी। प्रभु समर्पण समारोह का कार्यक्रम होशंगाबाद रोड स्थित वृंदावन गार्डन में होगा। इस समारोह कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मुख्यालय माउंट आबू से वरिष्ठ राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी शारदा दीदी शामिल होंगी।सहित अन्य अतिथि शामिल होंगे।
पांच साल सेवा केंद्र पर रहने के बाद होता है चयन
राजयोग मेडिटेशन कोर्स के बाद छह माह तक नियमित सत्संग, राजयोग ध्यान के अभ्यास के बाद सेंटर इंचार्ज दीदी द्वारा सेवा केंद्र पर रहने की अनुमति दी जाती है। तीन साल तक सेवा केंद्र पर रहने के दौरान संस्थान की दिनचर्या और गाइडलाइन का पालन करना जरूरी होता है। बहनों का आचरण, चाल-चलन, स्वभाव, व्यवहार देखा-परखा जाता है। इसके बाद ट्रायल के लिए मुख्यालय शांतिवन के लिए माता-पिता का अनुमति पत्र भेजा जाता है। ट्रायल पीरियड के दो साल बाद फिर ब्रह्माकुमारी के रूप में समर्पण की प्रक्रिया पूरी की जाती है। समर्पण के बाद फिर बहनें पूर्ण रूप से सेवा केंद्र के माध्यम से ब्रह्माकुमारी के रूप में अपनी सेवाएं देती हैं।
नहीं पता था एक अच्छी जिंदगी इंतजार कर रही
समर्पित होने वाले बी के आरती बहन ने बीबीए की पढ़ाई करने के बाद तीन लाख के करीब पैकेज में नौकरी कर रही थी, लेकिन नौकरी करके कुछ अच्छा बनना चाहती थी। आरती बहन ने बताया कि उनको नहीं पता था कि एक अच्छी जिंदगी मेरा इंतजार कर रही है। उसी समय मैं ब्रह्माकुमारीज से संपर्क में आई धीरे-धीरे राजयोग ध्यान में मन रमने लगा तो पूरी तरह से ब्रह्माकुमारी बनकर विश्व सेवा का मार्ग अपनाया।
परिजन सभी बहुत खुश हैं
अब खुद को भाग्यशाली समझती हूं कि मैं परमात्मा शिव की सजनी बनी हूं। यह एकमात्र संस्था है, जहां किसी तरह का अंधविश्वास, अंधश्रद्धा नहीं है। यहां दिया जा रहा ज्ञान तार्किक और वैज्ञानिक है। खुद को भाग्यशाली समझती हूं कि समाज के नाम जीवन समर्पित करने का सौभाग्य मिला। मेरे इस निर्णय में माता-पिता और परिजन सभी बहुत खुश हैं।
बहनों ने अपनाया संयम पथ, आजीवन करेंगी मानवता की सेवा
रायसेन जिले के मंडीदीप व बेगमगंज में रहने वाली दो युवा बहनों ने अपने जीवन का महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान में समर्पित होने का निर्णय लिया है। यह समर्पण अपने आप में इसलिए खास है, क्योंकि वह अब परमात्मा को साक्षी मानकर शिवलिंग को सात फेरे लगाकर वरमाला पहनाएंगी। इसके बाद अपना पूरा जीवन समर्पित कर देंगी। अब उनका पूरा जीवन मानवता की सेवा में गुजरेगा।
पिता के स्वर्गवास के बाद टूट गई थी
बीके कुंती बहन ने बताया कि वह बेगमगंज की रहने वाली हैं। 12वीं तक की पढ़ाई की। करीब 7 साल पहले रीना दीदी से मुलाकात हुई। उनके व्यक्तित्व से मैं इतना प्रभावित हुई कि मैं भी ब्रह्माकुमारीज में रोज सत्संग सुनने आने लगी। पिछले साल मेरे पिता का स्वर्गवास हो गया था। इस घटना से मैं काफी टूट सी गई थी। ऐसे कठिन वक्त में परमात्मा शिव की शक्तियों ने एवं रीना दीदी के स्नेह प्यार ने मुझे हौसला दिया।अब मैंने अपना सारा जीवन रीना दीदी के सानिध्य में ब्रह्माकुमारीज में समर्पित करने जा रही हूं।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS