शहडोल से आज पूरे विंध्य को साधेंगे पीएम मोदी ,जाने कोदो भात-कुटकी खीर के भोजन के साथ क्या-क्या रहेगा खास

शहडोल से आज पूरे विंध्य को साधेंगे पीएम मोदी ,जाने कोदो भात-कुटकी खीर के भोजन के साथ क्या-क्या रहेगा खास
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2023 में यह पांचवा मध्यप्रदेश का दौरा हैं। आज प्रधानमंत्री शहडोल जिले में आ रहें है । शहडोल मे वे गांव के आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ संवाद करेंगे। और आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ भोजन भी करेंगे। इस क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशव्यापी सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। पीएम के इस कार्यक्रम को भाजपा के आदिवासी मतदाताओं को साधने के साथ ही पूरे विंध्य को साधने की कोशिश के रुप मे देखा जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2023 में यह पांचवा मध्यप्रदेश का दौरा हैं। आज प्रधानमंत्री शहडोल जिले में आ रहें है । शहडोल मे वे गांव के आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ संवाद करेंगे। और आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ भोजन भी करेंगे। इस क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशव्यापी सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। पीएम के इस कार्यक्रम को भाजपा के आदिवासी मतदाताओं को साधने के साथ ही पूरे विंध्य को साधने की कोशिश के रुप मे देखा जा रहा है।

स्थानीय लोगों की नाराजगी को दूर करेगी पीएम की यात्रा

पीएम मोदी का यह दौरा विंध्य क्षेत्र के समीकरण के हिसाब से बेहद अहम है। 2018 के चुनाव में भाजपा को विंध्य क्षेत्र में 30 में से 24 सीट पर जीत मिली थी। लेकिन अभी हुए स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी को इस क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा। इस क्षेत्र से शिवराज मंत्रीमंडल मे कोई भी चेहरा नही है । इस पूरे क्षेत्र से केवल गिरीश गौतम को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया । यह भी स्थानीय लोगों की नाराजगी का सबसे बड़ा कारण है ।

क्यो है शहडोल खास

विंध्य मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दो महीने में दूसरा दौरा है। पीएम के इस दौरे से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शहडोल का दौरा किया है । दरअसल, भाजपा का 2023 का लक्ष्य विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा जोर आदिवासी और जनजातीय समाज के वोटों को हासिल करना है। प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासियों को साधने के लिए ही पेसा एक्ट को गरमजोसी से लागू किया गया हैं। राजनीतिक जानकारों की माने तो, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी लगातार आदिवासी मतदाताओं को साधने की कोशिश कर है लेकिन आदिवासी बीजेपी पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। संघ और सरकार को लगातार प्रतिक्रिया मिल रही है कि आदिवासी समुदाय सरकार से खुश नहीं है। हालांकि केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर इस वर्ग के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है, लेकिन चुनाव से पहले इसका कोई खासा असर नजर नहीं आ रहा है।

पकरिया गांव का चयन क्यों हुआ

विंध्य में आने वाला शहडोल संभाग आदिवासी बाहुल्य इलाका है। शहडोल संभाग की 8 विधानसभा सीटों में से 7 सीटें रिजर्व हैं। इसको साधने के लिए ही 27 जून को पीएम मोदी का जो शहडोल दौरा कार्यक्रम बनाया गया है, उसमें मुख्य तवज्जो जनजातीय समुदाय को दी गई है। इसके लिए ही पीएम मोदी लालपुर से 6 किलोमीटर दूर पकरिया गांव मे पहुचेंगे। वहां एक जनजातीय समुदाय के साथ संवाद करेंगे और इतना ही नहीं उनके साथ बैठकर उनका पारंपरिक भोजन कोदो भात-कुटकी खीर भी ग्रहण करेंगे। पीएम लगभग 1 घंटे से ज्यादा समय जनजातीय समुदाय के बीच बिताएंगे।

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