MP News : पर्यटकों की प्यारी कजरी पिंजरे में कैद, शावक हुए अनाथ

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बाघों के लिए विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की मशहूर बाघिन कजरी को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने मगधी परिक्षेत्र के बहेरहा इंक्लोजर में कैद कर दिया है।

उमरिया। बाघों के लिए विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की मशहूर बाघिन कजरी को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने मगधी परिक्षेत्र के बहेरहा इंक्लोजर में कैद कर दिया है। मशहूर बाघिन को टाइगर रिजर्व प्रबंधन आदमखोर बता रहा है। और ग्रामीणों के दबाव में टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने कजरी का रेस्क्यू कर लिया है। बाघिन कजरी के रेस्क्यू हो जाने के बाद कजरी के तीन शावक अनाथ हो गए हैं और बाघ प्रेमियों को कजरी और उसके तीन शावकों की चिंता सता रही है। बांधवगढ़ की मशहूर बाघिन कजरी पर्यटकों की पसंदीदा बाघिन है। इस बाघिन को देखने के लिए पर्यटक लगातार जंगल में घंटो सैर करते थे। लोग इस बाघिन के एक दीदार के लिए जंगल में भटकते रहते थे, लेकिन मंगलवार को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने कजरी का रेस्क्यू कर पर्यटकों को और बाघ प्रेमियों को मायूस कर दिया है।

कजरी के तीन शावक अनाथ

टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने जल्दबाजी और गोपनीय तरीके से मंगलवार को कजरी को रेस्क्यू कर बाड़े में कैद कर दिया। जिसके बाद बाघिन कजरी के तीन शावक अनाथ हो गए। अब जंगल में अकेले ही उन शावकों को जीवन जीना पड़ेगा। जिसमें उनको कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा और जंगल के कानून की जानकारी न होने के बाद भी अपना जीवन जीना पड़ेगा। बाघिन कजरी की उम्र लगभग 6 वर्ष है। उसके शावकों की उम्र 2 वर्ष से कम है। लेकिन टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने शावकों की उम्र को ध्यान न देते हुए मां का रेस्क्यू कर बाड़े में कैद कर दिया।

ताला जोन की मशहूर बाघिन

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की बाघिन कजरी टाइगर रिजर्व के मुख्य जोन ताला की मशहूर बाघिन है। जो लगातार ताला जोन के साथ-साथ मानपुर बफर परिक्षेत्र के जंगलों में दिखाई देती थी। बाघिन कजरी देश और विदेश के पर्यटकों की पसंदीदा बाघिन थी। जो अब रेस्क्यू के बाद ताला जोन में नहीं दिखाई देगी।

ग्रामीणों के दबाव में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर परिक्षेत्र में लगातार बाघ और वन्य प्राणियों की हलचल बनी रहती है। जहां पर जंगल गए ग्रामीण और वन्य प्राणियों के बीच संघर्ष की खबरें आती है। और बाघिन कजरी को भी ग्रामीणों के दबाव में आदमखोर बताकर टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने रेस्क्यू किया है।

शावको का जीवन संकट में

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अधिकारी बाघिन कजरी के शावको के निगरानी की बात तो कर रहा है। लेकिन जंगल में और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगातार बाघों की संख्या और वयस्क बाघो के बीच शावको का जीवन संकट में है। बाघिन कजरी के साथ शावक लगातार दिखाई देते थे। और बाघिन कजरी उन्हें अभी जंगल के कानून और शिकार करना भी सीखा रही थी। लेकिन बाघिन कजरी के रेस्क्यू के बाद तीनों शावको का जीवन संकट में आ गया है। बाघिन कजरी के तीन शावक है। दो नर और एक मादा शावक है।

पर्यटक और बाघ प्रेमियों में मायूसी

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कजरी के रेस्क्यू की खबर के बाद पर्यटक और बाघ प्रेमियों में मायूसी छा गई। और लगातार सोशल मीडिया में पर्यटक और बाघिन कजरी के फैन कजरी की फोटो के साथ कमेंट कर रहे हैं। और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन के निर्णय को गलत बता रहे हैं। और उसे वापस छोड़ने की बात कर रहे हैं बाघ प्रेमी चेतन गाढ़पुरे ने बताया कि प्रबंधन का निर्णय गलत है। कजरी बांधवगढ टाइगर रिजर्व की मशहूर और पसंदीदा बाघिन है।सभी पर्यटक उसे देखने आते हैं। बाघिन के रेस्क्यू के बाद शावको का भी जीवन खतरे में है। रिटायर्ड आईएफएस आर एस सिकरवार ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वाइल्डलाइफ प्रशिक्षित अधिकारी नहीं है। यह दुर्भाग्य है।और शावक मां के साथ ढाई से 3 साल तक रहते हैं।

प्रेस नोट में गलत जानकारी

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर परिक्षेत्र से बाघिन कजरी का रेस्क्यू किया गया। और अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि भी की। लेकिन पूरे मामले में विरोध शुरू होने के बाद बांधवगढ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने प्रेस नोट जारी किया और उसमें बाघिन की जगह बाघ बता दिया। जिसको लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं।

बांधवगढ टाइगर रिजर्व के अधिकारी का कहना

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा ने बताया कि बाघिन कजरी को मानपुर के हरदिया से रेस्क्यू किया गया है। और उसके शावकों की निगरानी की जा रही है।

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