अब TTE की जेब में होगी ऐसी डिवाइस, मिनटों में हल हो जाएगी पानी, बिजली और बेड रोल की समस्या

भोपाल। आरएसी या वेटिंग यात्रियों को ट्रेनों में खाली बर्थ जल्द आवंटित की जा सकेंगी। इसके लिए रेल की सभी (Ticket Checking Staff) ट्रेनों में टिकट चेकिंग स्टाफ (टीटीई, ट्रेन कंडक्टर या कैप्टन) को हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) दिए जाएंगे। पांच शताब्दी और दो राजधानी ट्रेनों में सफल ट्रायल के बाद यह व्यवस्था सभी ट्रेनों में शुरू करने का निर्णय लिया गया है। टीटीई इस टर्मिनल के जरिए कोच में पानी, बिजली, बेडरोल की कमी, गंदगी व किसी यात्री के बीमार होने पर जानकारी ट्रेन कंडक्टर/कैप्टन को दे सकेंगे। इससे (Passengers Problem) यात्रियों की दिक्कत जल्दी हल हो जाएगी। अगले साल से भोपाल रेल मंडल में यह व्यवस्था लागू होने की उम्मीद है।
एचएचटी मिलने के बाद (TTE Chart) टीटीई को चार्ट लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि चार्ट बनने के बाद रद्द होने वाले (Ticket Details) टिकट की जानकारी भी टीटीई के टर्मिनल में लाल रंग में दिखाई देने लगेगी। टीटीई ये सीटें यात्रियों को आवंटित कर सकेंगे। अभी पूरे कोच को चेक करने के बाद ही खाली बर्थ आवंटित की जाती हैं, इसमें 2-3 घंटे लग जाते हैं। दूसरा बड़ा फायदा यह होगा कि खाली बर्थ की जानकारी अपने आप अगले स्टेशन पर पहुंच जाएगी। यहां आरक्षण खिड़की से यात्री उस ट्रेन का टिकट ले सकेंगे। अगले स्टेशन के पहले तक टीटीई को यह बर्थ आवंटित करने का अधिकार होगा।
अभी यह व्यवस्था
टीटीई ट्रेन लॉबी में रिपोर्ट करते हैं। रजिस्टर में दस्तखत करते हैं। अपने पास की नगदी भी लिखते हैें। ट्रेन रवाना होने के पहले उन्हें पहला और दूसरा चार्ट दिया जाता है। ट्रेन में यात्रियों का टिकट चेक करने के बाद खाली सीटें आरएसी व वेटिंग वाले यात्रियों को दी जाती हैं। यात्रा नहीं करने वाले यात्रियों के नाम के सामन नाट टर्नअप (एनटी) लिखा जाता है। यात्रा नहीं करने वालों का ब्यौरा (ईडीआर) बनाया जाता है। इसके आधार पर यात्रियों को रिफंड मिलता है।
एचएचटी मिलने के बाद यह होगा
टीटीई एचएचटी एप में साइन-इन करेंगे। अपने पास रखी नगदी की जानकारी भी एप में देंगे। किस कोच में कौन टीटीई रहेगा या जानकारी स्टेशन पर डिस्प्ले की जाएगी। टीटीई पहला और दूसरा चार्ट अपने एचएचटी में डाउनलोड करेंगे। दूसरा चार्ट बनने के बाद कोई यात्री आरक्षण रद्द कराता है तो यह जानकारी टीटीई के टर्मिनल में आ जाएगी। खाली सीटों की जानकारी सभी टीटीई एचएचटी के जरिए ट्रेन कैप्टन को देंगे। इसका फायदा यह होगा कि बर्थ आवंटन में पारदर्शिता रहेगी। साथ ही यात्रियों को रिफंड जल्दी मिल सकेगा।
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