सफर कर रहे यात्री को छह घंटे दर्द से तड़पने के बाद मिली दो टैबलेट

सफर कर रहे यात्री को छह घंटे दर्द से तड़पने के बाद मिली दो टैबलेट
X
पदमान बदलने, पदोन्नति, ग्रेड पे सहित 13 सूत्रीय मांगों का निराकरण नहीं होने से आक्रोशित सरकारी अस्पतालों में पदस्थ मेडिकल लैब टेक्नीशियन शुक्रवार से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जा रहे है।

भोपाल। दिल्ली-मुंबई रेलवे रूट के महत्वपूर्ण स्टेशनों में गिने जाने वाले भोपाल रेल मंडल के प्रमुख्य स्टेशनों में मेडिलक स्टोर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसा ही एक मामला बुधवार-गुरुवार दरमियानी रात को 19489 गोरखपुर एक्सप्रेस में देखने को मिला। जहां पर छह घंटे तक दर्द से तड़पने के बाद यात्री को दो टैबलेट उपलब्ध करा सका रेलवे। भोपाल व विश्व स्तरीय रानीकमलापति स्टेशन,संत हिरदाराम नगर रेलवे स्टेशन की बात करें,तो यहां से रोजना 100 से अधिक ट्रेनें रोजना गुजरती हैं। इनमें यात्रा के दौरान आए दिन यात्रियों की तबीयत खराब हो जाती है। ऐसे में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।

पिछले 15 दिनों में ट्रेन के में यात्रा के दौरान करीब 19 यात्रियों की तबीयत खराब हो चुकी है। इनमें कई लोगों ने टैबलेट की मांग की गई। लेकिन घंटों तक दर्ज से तड़पने व कई प्रमुख स्टेशनों से ट्रेन के गुजरने के बाद भी रेलवे की ओर से दवा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। तो वहीं स्टेशनों पर मेडिकल की सुविधा उपलब्ध होने से वह दवा खरीद पा रहे है। हालाकि इसबीच कुछ मामलों में तो रेलवे डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ ने अटेंड कर दवाई दी। रेलवे पहले मल्टीपरपज स्टोर खोलने के आदेश दे चुका है। इसके तहत रेलवे ने कवायद शुरू की थी। लेकिन अभी तक अधिकतर स्टेशनों पर मल्टीपरपज स्टोर खोलने के बारे में फैसला नहीं हो सका।

हालाकि भोपाल रेल मंडल की ओर से साल 2018 में बीमारी यात्रियों की सुविधा के लिए मिनी अस्पताल शुरू किया था। लेकिन वह एक माह के भीतर ही बंद हो गया था। जिसके बाद अब बीमार यात्रियों के इलाज के लिए निशातपुरा रेलवे अस्पताल से डॉक्टरों को बुलाना पड़ता है। जिसमें कईबार डॉक्टरों को आने में करीब 15 से 30 मिनट लगते है। ऐसे में कई बार ट्रेन के निकल जाने के बाद डॉक्टर पहुंच पाते है। जिससे बीमार मरीज को या तो स्टेशन पर उतरना पड़ता है या फिर बिना इलाज के ही निकल जाते है।

छह घंटे बाद मिली दो टैबलेट

जानकारी के अनुसार 19489 गोरखपुर एक्सप्रेस एस-8/59 पर ुवडोदरा से देवरिया सदर के बीच सफर कर रहे मनोज शर्मा के पैर में नागदा स्टेशन से दर्द शुरू हो गया था। इसके बाद उन्होंने रेलवे टीटीई व अन्य स्टॉप को मामले की सूचना दी। साथ ही पहले से चल रहे इलाज के अनुसार डॉक्टर का पर्चा दिखाते हुए,कुछ टैबलेट की मांग की। स्टॉप के दौरा कुछ देर में दवा उपलब्ध कराने की बात कहीं गई। लेकिन जब संत हिरदाराम नगर रेलवे स्टेशन गुजर गया। लेकिन दवा नहीं आई। आसहनीय दर्द से जूझ रहे श्री शर्मा ने रेलवे हेल्पलाइन से मदद मांगी।

रेल यात्री मनोज शर्मा ने बताया कि जहां पर अधिकारियों ने कहा कि हम ऐसे दवा उपलब्ध नहीं करा सकेंगे। यह रेलवे की गाइड लाइन में नहीं है। डॉक्टर अटेंड कर दवाई दे सकेंगे। इसबीच विदिशा,बीना सहित अन्य स्टेशन निकल गए। न तो डॉक्टर आए न दवा। इसके बाद उन्होंने रेलवे सहित अन्य बड़े अधिकारियों से मामले की शिकायत की। इसका असर हुआ। बीना स्टेशन के निकलने के बाद रेलवे स्टॉप ने चलती ट्रेन में दो टैबलेट उपलब्ध कराई। यात्री मनोज शर्मा ने बताया कि रेलवे को इस व्यवस्था को सुधरना चाहिए। ऐसे में कभी किसी मरीज की जान भी जा सकती है।

Tags

Next Story