टनल हादसा : मशीन में आई गड़बड़ी सुधारने के दौरान टनल में धंसी थी मिट्टी, दो मजदूर अब भी फंसे

टनल हादसा : मशीन में आई गड़बड़ी सुधारने के दौरान टनल में धंसी थी मिट्टी, दो मजदूर अब भी फंसे
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प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि कटनी के स्लीमनाबाद में रेस्क्यू कार्य निरंतर जारी है। मोतीलाल कोल और नंद लाल यादव सुबह सुरक्षित निकाले गए हैं। कल रात और आज सुबह निकाले चारों मजदूर खतरे से............

भोपाल। कटनी(Katni) जिले के स्लीमनाबाद (SLEEMNABAD) क्षेत्र में बरगी (Bargi) परियोजना की सुरंग (Tunnel) में हुए हादसे (Accident) के बाद सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने का कार्य लगातार दूसरे दिन भी जारी है। एसडीईआरएफ (SDERF) के बाद भोपाल (Bhopal) से पहुंची एनडीआरएफ (NDRF) की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है। रविवार सुबह दो और मजदूरों को निकाले जाने के बाद अब तक सात मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि दो मजदूर अब भी सुरंग में फंसे हुए हैं। इन्हें बचाने के लिए लगातार बचाव कार्य जारी है।

गृह विभाग के एसीएस (ACS) राजेश राजौरा वल्लभ भवन (मंत्रालय) में सिचुएशन रूम से इसकी निगरानी कर रहे हैं। कटनी कलेक्टर प्रियंक मिश्रा और एसपी ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य का मोर्चा संभाला। इसी बीच बहोरीबंद विधायक प्रणय प्रभात पांडेय समेत बाकी अफसर भी रात को ही पहुंचे। हालांकि विधायक पांडेय ने अफसरों के मौके पर देर से पहुंचने को लेकर नाराजगी व्यक्त की है।

9 में से 7 मजदूर बचे, बचाव कार्य जारी : डॉ राजौरा -

प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि कटनी के स्लीमनाबाद में रेस्क्यू कार्य निरंतर जारी है। मोतीलाल कोल और नंद लाल यादव सुबह सुरक्षित निकाले गए हैं। कल रात और आज सुबह निकाले चारों मजदूर खतरे से बाहर हैं तथा अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इस प्रकार अब तक कुल 9 मजदूरों में से 7 को सकुशल बचाया जा चुका है। शेष बचे 2 मजदूर गोरेलाल कोल और सुपरवाइजर रवि अभी भी फंसे हुए हैं। दोनों से सम्पर्क नहीं हो पाया है। एनडीआरएफ की टीम शेष बचे दोनो मजदूरों को निकालने का प्रयास कर रही है। एसडीईआरएफ दमोह और सतना की टीमें भी पहुंच गयी हैं। बचाव कार्य जारी है।

25 फीट खुदाई के बाद धंसी मिट्टी -

अंडरग्राउंड टनल में टीवीएम मशीन सतह से करीब 80 फीट की गहराई में थी। मशीन में आई गड़बड़ी को सुधारने के लिए कुआंनुमा गड्ढा खोदने का काम चल रहा था। करीब 25 फीट तक खुदाई हो जाने के बाद उसे ईंट और सीमेंट से पक्का किया जा रहा था। इस बीच उसके दो हिस्से धंस गए।

अंदर फंसे मजदूरों के लिए आक्सीजन भेजी गई

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) के कार्यपालन यंत्री सहज श्रीवास्तव ने कहा कि नीचे फंसे मजदूर सुरक्षित हैं। उन्हें मामूली चोटें आई हैं। रेस्क्यू टीम ने अंदर जाकर मजदूरों से बात की है और जो मजदूर अंदर गहराई में हैं, उनके लिए आक्सीजन की व्यवस्था की गई है। रविवार तक 9 में से 7 मजदूर बचा लिए गए।

घायलों को अस्पताल पहुंचाने बनाया ग्रीन कॉरिडोर -

कटनी कलेक्टर मिश्रा ने बताया कि घटनास्थल पर एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस लगाई गई है। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए जबलपुर मेडिकल अस्पताल और कटनी जिला अस्पताल तक के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।

सीएम शिवराज और सांसद वीडी शर्मा ने सबके सकुशल होने की प्रार्थना -

हादसे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्म ने ट्वीट कर सबके कुशल होने की प्रार्थना ईश्वर से की है। सीएम शिवराज का ट्वीट - 'कटनी जिले के स्लीमनाबाद में नहर के निर्माण कार्य के दौरान श्रमिकों के दबने के समाचार से दु:ख हुआ। मौके पर जिला प्रशासन की टीम है और एसडीईआरएफ की टीम भी सहायता के लिए घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी है। मैं सतत प्रशासन के संपर्क में हूं ईश्वर से सबके सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का ट्वीट - जिला प्रशासन से बात करके बचाव कार्य की समीक्षा की। एक श्रमिक को इलाज के लिए जबलपुर भेजा गया है। मेरी मुख्यमंत्री से भी चर्चा हुई वो भी लगातार प्रशासन के संपर्क में हैं। बचे हुए श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी हैं।

हादसे में बचे मजदूरों ने कहा, अचानक मिट्‌टी आ गिरी -

मजदूर नंदकुमार यादव को 7 मीटर नीचे मिट्‌टी के मलबे से निकाला गया। नंदकुमार ने बताया कि जेसीबी से खुदाई के बाद जाल बांधकर कांक्रीट की ढलाई कर रहे थे। इतने में मिट्‌टी अचानक आ गिरी। मैं 7 मीटर नीचे पहुंच गया था। पास में बोर हो रहा था। शायद इसी वजह से सुरंग की मिट्‌टी भरभराकर गिर गई।

14 साल पहले शुरू हुआ था सुरंग का काम -

नर्मदा नदी पर बने बरगी बांध से सतना तक 11.95 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड टनल बनाई जा रही है। इसका काम 2008 में शुरू हुआ था और 2011 तक इसे पूरा कर खेतों में पानी पहुंचाने का प्लान था। हालांकि तय समय सीमा को गुजरे 11 साल हो चुके हैं, लेकिन अब भी 6 किलोमीटर टनल का निर्माण बाकी है। टनल पूरी होने पर जबलपुर जिले की 60 हजार, कटनी जिले की 21,823 और सतना जिले की 159655 हेक्टेयर जमीन को पानी मिल सकेगा।

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