कैश वैन के गार्ड की गोली मारकर हत्या करने व 33 लाख लूटने वाले दो बदमाश गिरफ्तार, 32 लाख 98 हजार बरामद

विनोद त्रिपाठी - भोपाल। गोराबाजार तिलहरी जबलपुर स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्रा के एटीएम में कैश डालने जा रहे वैन स्टाफ पर फायरिंग करके कैश 33 लाख रुपए लूटने वाले दो बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बुधवार को जबलपुर एडीजी उमेश जोगा ने हरिभूमि भोपाल से चर्चा में स्पष्ट किया कि बदमाश इस रकम में से मात्र 2 हजार रुपए खर्च कर पाए। बाकी 32 लाख 98 हजार रुपए इनसे बरामद कर लिया है। इन हमलावरों ने बैंक के एटीएम में कैश डालने वाले स्टाफ पर जो फायरिंग की, उसमें एक गार्ड की हत्या कर दी थी। जबकि दो गार्डों को घायल कर दिया था। पुलिस इन गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में जुटी है। यहां बता दें कि यह वारदात जब हुई तब जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा अवकाश पर थे। इसलिए फिर एडीजी जोगा ने इस अपराध को चुनौती के रूप में लेकर खुद ही इसे ट्रैस करने की कमान संभाली।
जबलपुर पुलिस ने बताया कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र तिलहरी एटीएम के पास 11 फरवरी को गोली चलने की सूचना पर थाना प्रभारी गोराबाजार सहदेव राम साहू को मिली थी। इस हमले के बारे में पुलिस को अभिलाष यादव पिता गिरधर यादव निवासी भरतीपुर इलाहाबाद बैंक के पास ओमती ने बताया था कि एसआईएस कंपनी भोपाल का एटीएम केश वाहन चलाता है। उसने बैंक ऑफ महाराष्ट्रा के पास गाड़ी खड़ी की थी। गन मैन राजबहादुर पटेल आगे वाली सीट पर उसके बाजू में बैठा था। दोनों कैशियर राजबहादुर सिंह व श्रेयांश ताम्रकार वैन से उतरकर एक कैश पेटी लेकर बैंक ऑफ महाराष्ट्र तिलहरी के एटीएम में कैश डालने के लिये जा रहे थे। जबकि दो अज्ञात लुटेरों ने फायरिंग करके इन दोनों को घायल कर दिया। साथ ही कैश वाहन में बैठे गनमैन राजबहादुर पटैल पिता रामकुमार पटैल उम्र 45 वर्ष निवासी पान उमरिया जिला कटनी हाल निवासी साई मंदिर जवाहर नगर थाना आधारताल की गोली मारकर हत्या कर कैश की एक पेटी लूट कर ले गये थे।
एडीजी जोगा पहुंचे थे मौके पर :
इस मामले में जबलपुर रेंज के एडीजी उमेश जोगा मौके पर पहुंचे थे। एडीजी जोगा ने वारदात को गम्भीरता से लेते हुये घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और मौके पर उपस्थित अधिकारियों को अज्ञात मोटर सायकिल सवार लुटेरों की पतासाजी के सम्बंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये, विशेष टीमें गठित कर आरोपियेां की पतासाजी में लगायी गईं।
हर दो घंटे में लेते थे ब्रीफिंग :
- एडीजी जोगा इस मामले में प्रत्येक दो घंटे बाद जांच टीमों से अपडेट लेते थे।
- इस लूट को ट्रेस करने के लिए उत्तरप्रदेश, बिहार व दिल्ली तक की पुलिस की मदद ली गई।
- एडीजी जोगा ने मिर्जापुर व वाराणसी के पुलिस अधिकारियों तक से कॉर्डीनेशन कराकर इस लूट को ट्रेस कराया।
- इस मामले में जबलपुर के अलावा रीवा, पन्ना, सतना तक की साइबर टीमों की मदद ली गई।
- खास बात है कि पुलिस साइबर टीमों के अलावा प्राइवेट साइबर टीम की मदद भी इस मामले में पुलिस ने ली।
इस तरह दबोचे बदमाश :
- आरोपियों मनोज पाल व सुनील पाल को चिन्हित करते हुये घटना स्थल से उनके गृह निवास तक पहुंचने के साक्ष्यों के आधार पर दबिश दी गई। दोनों आरोपी सगे भाईयों को गिरफ्तार किया गया।
- नगद 32 लाख 98 हजार रुपए बरामद कर आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार किया जाकर विस्तृत पूछताछ की गई। घटना में प्रयुक्त पिस्टल व कैश पेटी की बरामदगी के लिए न्यायालय के समक्ष पेश कर पुलिस रिमाण्ड लिया जा रहा है।
आर्मी स्कूल में पढे़ लिखे हैं :
- दोनों आरोपी भाई मनोज पाल व सुनील पाल जो कि बचपन से जबलपुर में आर्मी स्कूल में पढे़ लिखे हैं और जबलपुर की भौगोलिक स्थित से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
- इन दोनों ने 2017 में पारिवारिक विवाद व आर्थिक तंगी के कारण जबलपुर छोड़ दिया व गुजरात में काम करने लगे, जहां काम करते हुये रातों-रात पैसा कमाने और आर्थिक तंगी दूर करने के लिये बैंक-एटीएम लूटने का प्लान बनाया।
- जबलपुर चूंकि इनके लिये सबसे बेहतर विकल्प था, इसलिये योजना के अनुसार दोनों नवम्बर 2021 में गुजरात से जबलपुर आये व गुप्त रूप से कैंट क्षेत्र में महावीर कम्पाउंड अंतर्गत रिटायर्ड जेल अधिकारी के यहां किराये का कमरा लेकर रहने लगे।
- इस दौरान उन्होनें अपने बचाव के लिये किसी भी प्रकार के पहचान पत्र, किसी भी स्थान पर उपलब्ध नहीं कराये एवं मोबाईल का प्रयोग भी कहीं नहीं किया।
- दोनों आरोपियों ने जबलपुर में घूमकर शहर के ग्वारीघाट, गोरखपुर, सदर, गोराबाजार, बिलहरी, तिलहरी स्थित विभिन्न बैंकों के एटीएम की रैकी की, जिसमे से तिलहरी स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्रा के एटीएम को चिन्हित किया।
- इसे इसलिए चुना, क्योंकि यह एटीएम बंद कैम्पस में एवं बाईपास के अत्यंत नजदीक था, जहां से निकलकर भागने में आसानी थी पकडे़ जाने की सम्भावना कम थी।
- योजना के मुताबिक रोजाना आरसी ग्राउड के पास खड़े होकर दोनों एटीएम मे पैसा डालने वाली कैश वैनों पर नजर रखने लगे एवं बैंक ऑफ महाराष्ट्रा में जाने वाली कैश वैन को चिन्हित कर लिया।
- रोजाना उसी वैन का इंतजार करते रहते थे, जब भी चिन्हित वैन निकलती थी उसका पीछा करते हुये कैश वैन के पहुंचने के लगभग एक मिनिट पहले वैन को ओवर टेक करते हुये एटीएम पहुंच जाते थे, और दोनों अपनी-अपनी भूमिका के हिसाब से बैंक एटीएम के पास एवं कैम्पस के बाहर घटना को अंजाम देने के लिये अपने-अपने चिन्हित स्थान पर खड़े हो जाते थे।
जमीन पर पड़ी रबर से रकम का अंदाज :
- रैकी के दौरान दौनो बैंक एटीएम में जाकर बाहर खडे लोगों को भ्रमित करने का भी प्रयास करते थे, और एटीएम मशीन में कैश लोड होने के बाद जमीन पर पड़ी रबर की संख्या के आधार पर लोड होने वाले कैश का अंदाजा लगा लेते थे।
लूट के बाद यह किया :
- बदमाश इस लूट के बाद होण्डा शाईन गाड़ी से बरेला बाईपास की ओर भाग गये।
- गुप्त स्थान पर पेटी व गाड़ी छिपाकर कपडे़ बदलकर ऑटो से अपने कमरे आ गये एवं हेयर सैलून मे बाल कटवाकर अपना हुलिया बदल लिया।
- घटना के दूसरे दिन आटो से वापस उसी गुप्त स्थान पर पहुंचे व गाड़ी एवं पेटी में रखे कैश को लेकर अपने कमरे आये।
- फिर कमरे से सामान उठाकर रीवा-सतना रोड से होते हुये अपने गृह निवास गांगपुर वाराणसी उत्तर प्रदेश निकल गये।
11 दिन में मिल गई सफलता : एडीजी
हरिभूमि भोपाल से चर्चा में जबलपुर एडीजी उमेश जोगा ने कहा कि कैश वैन गार्ड की हत्या व लूट बड़ी संगीन वारदात थी। इस मामले में जबलपुर पुलिस टीमों के अलावा रीवा, पन्ना, सिवनी, वाराणसी, मिर्जापुर, दिल्ली व बिहार तक की पुलिस ने मदद की। इसका नतीजा है कि आरोपियों की गिरफ्तारी 11 दिन में हो गई। लूट की 33 लाख की राशि में से 32 लाख 98 हजार रुपए बरामद भी हो गए।
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