Uma Bharti : चीता भाजपा का कार्यकर्ता नहीं, जानिए क्यों मर रहे चीते, उमा भारती ने बताया

Uma Bharti : बीजेपी की फायर ब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहती है। इस बार उमा भारती ने नमीबिया और अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क लाए गए चीतों की मौत को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उमा भारती ने कहा है कि चीते कोई भाजपा के कार्यकर्ता नहीं है, कि अनुशासन में रहे। उन्हें माहौल नहीं मिल रहा है, इसलिए मर रहे है।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए उमा भारती ने कहा कि, चीता वहां, जिस माहौल और वातावरण में रहता था, यहां उसको वो नहीं मिल पा रहा है। चीता बड़ा संवेदनशील जानवर होता है। यही कारण है कि, वो जल्दी ही डिप्रेशन में चला जाता है और इस समस्या का कोई इलाज नहीं है। हमने चीतों को लाकर एक तरह का प्रयोग किया था। अब जितने चीते बचे हैं, हमारा प्रयोग उनपर जारी है। इसी दौरान उन्होंने आगे ये भी कहा कि, चीता कोई भाजपा का कार्यकर्ता तो नहीं है, जो हमेशा अनुशासन में रहे। पर्याप्त माहौल न मिल पाने से उनकी मौत हो रही है।
चीतों की हो रही लगातार मौत
आपको बता दें कि, कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते शुक्रवार को आठवीं बार चीता प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा और पार्क में एक और चीता मृत अवस्था में पड़ा मिला। मरने वाले चीते का नाम सूरज बताया गया। इससे तीन दिन पहले ही तेजस नामक के चीते की रहस्यमयी मौत हुई थी। यहां तक की तेजस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई भी नहीं थी कि, सूरज की मौत की खबर सामने आई थी।
अबतक 8 चीतों की मौत
यह भी बता दें कि मध्यप्रदेश में आठ नामीबिया और 12 चीता दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे। इसके साथ ही मादा चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया था। इनमें सभी शावकों की मौत हो गई है। साथ ही, पांच बड़े चीतों की मौत भी अबतक हो चुकी है। कूनो नेशनल पार्क में अभी 15 चीते बचे हैं।
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