शराबबंदी पर फिर बदली उमा भारती की भाषा: कहा- मैं कोई तीस मार खां नहीं, जानिए शिवराज को लेकर क्या बोलीं

भोपाल। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा नेत्री साध्वी उमा भारती की शराबबंदी पर एक बार फिर भाषा बदली दिखाई पड़ी। उन्होंने कहा कि मैं शराबबंदी चाहती हूं। प्रदेश के 80 फीसदी लोग भी यही चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गृहस्थ के बावजूद संत हैं। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी संत हैं। भाजपा के संगठन् महामंत्री भी शराबबंदी पसंद करेंगे। वे संघ के प्रचारक होते हैं। फिर भी शराबबंदी नहीं हो पा रही। उन्होंने कहा कि मैं कोई तीस मार खां नहीं हूं कि अकेले सबकुछ कर दूं। फिर भी मुख्यमंत्री शिवराज से बात करूंगी कि आखिर शराबबंदी में क्या समस्या है। उन्होंने कहा कि इस बारे में अपनी रणनीति का खुलासा मैं 14 फरवरी के बाद करूंगी।
सभी को शराबबंदी के लिए आंदोलन करना चाहिए
पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि बहुत सारे लोग शराब के खिलाफ हैं, जिनको आंदोलन करना चाहिए। वह लोग क्यों आगे नहीं आ रहे। सभी की इच्छा के बावजूद मुझे नहीं पता कि शराबबदंदी में क्या अड़चन आ रही हैं। इसलिए पहले मुख्यमंत्री चौहान से बात करूंगी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी पर अब शिवराज सिंह चौहान बयान देंगे।
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