VEGETABLE PRICE HIKE: बढ़ती महंगाई के खिलाफ आम जनता का अनोखा प्रदर्शन, Boycott Tamatar का ट्रेंड सोशल मीडिया में वायरल

भोपाल : मॉनसून की दस्तक के बाद से देशभर में इन दिनों सब्जियों के दाम आसमान छू रहे है। लगातार बढ़ रहे टमाटर के दाम की वजह से आम जनता की थाली से टमाटर का स्वाद गायब हो गए है। तो वही मिर्ची और धनिया की कीमत में भी बढ़ोतरी ने आम जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। बता दें कि मंडी में टमाटर के भाव 150 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। हालात ऐसे हो चले हैं कि एक किलो टमाटर खरीदने वाला आधा किलो या पाव भर से ही काम चला रहे हैं। तो वही धनिया 100 किलो तो मिर्ची 120 रूपए किलो पहुंच गया है।
सोशल मीडिया में Boycott_Tamatar का ट्रेंड शुरू
मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश और मॉनसून में देरी के चलते हरी सब्जियां लगातार महंगी हो रही है, बीते 15 दिन से टमाटर के दाम रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर पहुंच गए तो अदरक और धनिया में भी कंपटीशन चल रहा है। साथ ही अब हरी सब्जियां भी लगातार महंगी हो रही है। जिसको देखते हुए आम जनता ने सोशल मीडिया पर टमाटर के बायकाट का अभियान छेड़ दिया है। लोग फेसबुक ट्विटर और इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके एक दूसरे से अगले 3 दिनों तक टमाटर ना खरीदने की अपील कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि इससे जमाखोरी पर फर्क पड़ेगा और टमाटर औंधे मुंह नीचे गिरेगा। जिससे आम जनता की थाली में दोबारा टमाटर के साथ सभी सब्जियों का स्वाद पहुंच सकेगा।
आलू-प्याज भी दिखाने लगे ऊंचे भाव के तेवर
खुदरा महंगाई दर भले ही 25 महीने के निचले स्तर पर आ गई हो, लेकिन महंगाई को लेकर चिंताएं अभी भी पूरी तरीके से खत्म नहीं हुई है। टमाटर सहित आलू - प्याज की कीमतें फिर चढ़ गई है। बीस रुपए किलो में मिलने वाले टमाटर अब 100 से 150 रुपए तक में बिक रहा है। तो 20 रुपए किलो का आलू 25 से 30 रुपए किलो बोला जा रहा है तो वहीं 5 से 8 रुपए किलो वाली प्याज क्वालिटीनुसार 15 से 25 रुपए किलो के भाव पर बिक रही है।
बारिश कम हुई तो चावल, मक्का आदि के कीमतों में होगी बढ़ोतरी
अनाज व्यापारियों की मानें तो आने वाले समय में सब्जियों के साथ-साथ खाद्यान्न सामग्री के दाम भी आम आदमी के जन जीवन पर विपरीत असर डालेगे। उनका कहना है कि अगर बारिश कम हुई तो चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन के साथ हरी सब्जियों का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। सितंबर से फेस्टिव सीजन आने वाला है। खाद्य चीजों की डिमांड बढ़ेगी। घरेलू डिमांड बढ़ेगी और उत्पादन कमजोर रहा तो संभवत दामों पर दबाव बनेगा।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS