शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन आदिवासियों के बजट को लेकर हंगामा, कार्रवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित

शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन आदिवासियों के  बजट को लेकर हंगामा, कार्रवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित
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मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को जोरदार हंगामे के बीच खत्म हो गया। कांग्रेस ने अनुपूरक में आदिवासी वर्ग के लिए कम बजट का प्रावधान करने को लेकर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस के आदिवासी विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने आरोप लगाया कि यह सरकार आदिवासी विरोधी है। सत्तापक्ष ने इसका प्रतिवाद किया। हंगामे की वजह से सदन में कोई काम नहीं हाे सका। प्रश्नकाल भी नहीं चला। हंगामे के बीच दो विधेयक पास कराए गए और विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्रवाई पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए और इसके बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को जोरदार हंगामे के बीच खत्म हो गया। कांग्रेस ने अनुपूरक में आदिवासी वर्ग के लिए कम बजट का प्रावधान करने को लेकर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस के आदिवासी विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने आरोप लगाया कि यह सरकार आदिवासी विरोधी है। सत्तापक्ष ने इसका प्रतिवाद किया। हंगामे की वजह से सदन में कोई काम नहीं हाे सका। प्रश्नकाल भी नहीं चला। हंगामे के बीच दो विधेयक पास कराए गए और विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्रवाई पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए, इसके बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

सदन चला लेकिन हर रोज हुआ हंगामा

20 दिसंबर 2021 से शुरु हुआ मप्र विधानसभा का 5 दिवसीय शीतकालीन सत्र चला तो लेकिन हर दिन हंगामा भी हुआ। आज मप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन था।प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि बजट में प्रदेश की 22 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति के लिए कोई प्रविधान नहीं किया गया है। यह सरकार आदिवासी विरोधी है। वहीं, एनपी प्रजापति ने कहा कि सदन नियम प्रक्रिया से नहीं चलाया जा रहा है। संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के सदस्य प्रश्नकाल को बाधित कर रहे हैं, यह बातें बाद में उठाई जानी चाहिए। जब अनुपूरक बजट पर चर्चा हो रही थी तब इनके सदस्यों ने यह बात क्यों नहीं उठाई।

विधानसभा अध्यक्ष गौतम की आपत्ति

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रश्न काल में अधिकांश प्रश्न कांग्रेस पक्ष के लगे हैं, फिर भी सवाल नहीं किए जा रहे है। इसके बाद हंगामा होते देख उन्होंने प्रश्न काल को स्थगित कर दिया और कार्यवाही भी अनिश्चिकालीन के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा में हंगामे के बीच ही दो विधेयक पारित किए गए हैं। वन मंत्री विजय शाह ने काष्ठ चिरान संशोधन विधेयक और एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण संशोधन बिल पेश किया, जिसे ध्वनि मत से बहुमत के आधार पर पारित किया गयाl

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