मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर मचा घमासान , हर 15 मिनट में बदल रहे संभावित अध्यक्ष , केन्द्र मंत्रियों के नाम की भी उड़ रही अफवाह

मध्य प्रदेश में भाजपा के नए अध्यक्ष की घोषणा को लेकर घमासान मचा हुआ है । सोशल मीडिया में समर्थको द्वारा अपने अपने नेताओ को ना जाने कितनी बार प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा चुका है।लेकिन मुख्य रुप मे यह 4 नाम निकल आ रहे है । जिसमें नरेंद्र सिंह तोमर की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है।
नरेंद्र सिंह तोमर के नाम पर ज्यादा जोर
राजनीतिक के बड़े जानकारों का कहना हैं कि अगर बीजेपी सवर्ण वर्ग से आने वाले वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का रिप्लेसमेंट इसी वर्ग से करना चाहेगी तो सबसे बड़ा नाम नरेंद्र सिंह तोमर का हो सकता है। विधानसभा चुनाव के पहले नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व दिया जा सकता है। नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर चंबल अंचल से आते हैं और उनकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से बेहतर ट्यूनिंग भी बताई जाती है।
कैलाश विजयवर्गीय भी है रेस में
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए दूसरा जो बड़ा नाम हो सकता है, वह राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का है। कभी पार्टी का मध्य प्रदेश का बड़ा चेहरा होने माने जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय संगठन की राष्ट्रीय राजनीति में जाने के बाद सूबे की राजनीति से हाशिए पर चले गए थे। उनके सांगठनिक कौशल को देखते हुए पार्टी अगले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। कैलाश विजयवर्गीय बीबी मालवा और निमाण इलाके में बीजेपी का बड़ा चेहरा है।
प्रहलाद पटेल पर चर्चा है गर्म
महाकौशल की राजनीति के दिग्गज प्रहलाद पटेल भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व की पसंद हो सकते हैं। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल महाकौशल अंचल की कई लोकसभा सीटों से चुनाव जीतकर अपना लोहा मनवा चुके हैं। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि यदि ओबीसी वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष चुना जाएगा तो प्रहलाद पटेल पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं। मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग के मतदाताओं की संख्या भी 50% से ज्यादा है।
सुमेर सिंह सोलंकी का दावा भी मजबूत
राज्य के 22% से ज्यादा आदिवासी वोटरों को साधने के लिए यदि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी ट्राइबल लीडरशिप को देने का फैसला करती है तो पहला नाम सांसद सुमेर सिंह सोलंकी का हो सकता है। सुमेर सिंह सोलंकी भी मालवा इलाके से आते हैं जहां आदिवासी वोटरों की संख्या और सीटें काफी है। इसके पहले भी जब प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की बात उठी थी तो सुमेर सिंह सोलंकी का नाम सबसे आगे था।
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