एटीएम मशीन में लगाते थे लोहे का उपकरण, फिर होता था ये...

भोपाल। एटीएम मशीनों से छेड़छाड़ करके वारदातों को अंजाम देने वाली अंतरराज्यीय गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ी है। इस गैंग के तीन शातिरों को साइबर क्राइम ब्रांच पुलिस भोपाल ने गिरफ्तार किया है। डीआईजी शहर रेंज इरशाद वली के निर्देशन में चली कार्रवाई के बाद यह गैंग पुलिस की पकड़ में आ सकी। इसका खुलासा सोमवार को भोपाल दक्षिण क्षेत्र के एसपी साईं कृष्णा थोटा ने पत्रकारों से बातचीत में किया है।
एसपी थोटा ने बताया कि 13 अगस्त को आवेदक प्रेमप्रकाश रंगा पिता स्वर्गीय टेकराम रंगा उम्र 40 साल निवासी बागसेवानिया भोपाल के द्वारा आवेदन दिया गया कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा एटीएम मशीन से छेड़छाड़ करके एटीएम मशीन को नुकसान पहुंचाया गया। साथ ही धोखाधड़ी से नगदी निकाल ली गई है। आवेदक फाईनेंशियल साफ्टवेयर व सिस्टम प्राईवेट लिमिटेड कंपनी में कार्य करते हैं। कंपनी संचालन के दौरान कंपनी को धोखाधड़ी पूर्वक राशि अहारण के बाद जो हानि हुई, उसके बाद कंपनी की ओर से प्रेमप्रकाश द्वारा शिकायत की गई। शिकायत जांच के बाद तकनीकि एनालिसिस व सीसीटीव्ही फुटेज के आधार पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ केस कायम किया गया। इसके बाद इनकी तलाश की गई। डीआईजी वली ने साइबर क्राइम पुलिस के साथ रणनीति पर टिप्स दिए। इसके बाद इन तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकी।
ये तीन किए गिरफ्तार :
- आरिफ निवासी सापनकी पलवल हरियाणा, जो मात्र 10वीं पास है। यह एटीएम के बाहर बाइक पर होकर इंतजार करता था।
- शाहरूख निवासी सापनकी पलवल हरियाणा, यह 12वीं पास है, जो एटीएम मशीन से छेड़छाड़ करता था।
- मनीष निवासी सापनकी पलवल हरियाणा , यह मात्र 8वीं पास है। यह एटीएम मशीन में छेड़छाड़ में सहयोग करता था।
वारदात का तरीका कुछ यूं :
आरोपी शाहरूख, मनीष व आरिफ तीनों संयुक्त रूप से अपराध को अंजाम देते थे। शाहरूख खान को एटीएम मशीन का ज्ञान है व मशीन की तकनीक में किस तरह से छेड़छाड़ नुकसान करना है यह कार्य शाहरूख के द्वारा किया जाता है।
किसका का क्या काम :
- मनीष एटीएम मशीन में रहकर आने वाले अन्य ग्राहकों का ध्यान रखता था।
- आरिफ बाहर बाइक पर एटीएम मशीन में अन्दर गए दोनों साथियों के आने का इंतजार करता था।
- शाहरूख, मनीष व आरिफ की बाइक भोपाल रेलवे स्टेशन पर खड़ी रहती थी।
- वारदात के लिए भोपाल आते समय आरोपी ट्रेन से पहले पलवल से दिल्ली फिर दिल्ली से भोपाल आते थे।
- भोपाल में ये तीनों स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम में लगी एक विशेष प्रकार की मशीन एनसीआर को ही निशाना बनाते थे।
- क्योंकि इस मशीन के साथ छेड़छाड़ कर पैसा निकालना आरोपियों को अच्छे से आता है।
- आरोपी पलवल से एटीएम मशीन में कैश प्लेट के बाहर फंसाने के लिए लोहे का उपकरण बनाकर लाते थे।
- जिसको बनाने की विधि आरोपियों ने यू-ट्युब पर देखकर सीखी थी।
- यह उपकरण मशीन में लगाने के बाद एटीएम कार्ड से मनी विड्रावल करने पर मशीन त्रुटि बताने लगती थी।
- लेकिन कैश आरोपियों द्वारा बनाया गए लोहे के उपकरण मे ही फंस जाता था।
- इस प्रकार आरोपियों के खाते से रकम कटती नहीं थी और आरोपी कैश निकालकर फरार हो जाते थे।
यहां की हैं वारदात :
- तीनों आरोपियों व इनके अन्य चार साथियों पलवल हरियाणा के द्वारा लगभग 100 बार एटीएम में लोहे का उपकरण फंसाकर घटना घटित की गई है।
- इन आरोपियों ने भोपाल के विभिन्न थाना क्षेत्र जुमेराती, नबीबाग कालेज रोड, अयोध्या नगर, शाहपुरा, इतवारा, बजरिया, छोला, निशातपुरा, आशोका गार्डन आदि क्षेत्रों के एटीएम मशीन मे छेड़छाड़ करके पैसा निकाला जा चुका है।
यह भी जानिए आप :
- इन आरोपियों के साथ अन्य लोग भी आते थे। जिनके नाम का खुलासा गिरफ्तार आरोपियों ने किया है। इनके नाम शमीम, इनाम, इक्लास, मुफरिद बताए हैं।
- इन आरोपियों में इक्लास भोपाल में 10 वर्ष तक निवास कर चुका है। इसलिए भोपाल के गली-कुचों का ज्ञान उसने साथियों को कराया।
- आरोपियों से वारदात में उपयोग की गई काले रंग की बजाज पल्सर बाइक व रजिस्ट्रेशन कार्ड, एटीएम मशीन में छेड़छाड़ के लिए प्रयुक्त स्वनिर्मित विशेष उपकरण, 2 एंड्राइड मोबाइल फोन मय सिम, तीनों आरोपीयों के आधारकार्ड व 9 एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं।
इनकी मेहनत रंग लाई :
साइबर पुलिस के सब इंस्पेक्टर विवेक आर्य, आरक्षक अंकित मिश्रा, सुनील कुमार, आशीष मिश्रा, शुभम चौरसिया, तेजराम व आदित्य साहू समेत इस मामले में हनुमानगंज थाना टीआई महेंद्र सिंह ठाकुर, एएसआई रघुराज तोमर, प्रधान आरक्षक अशोक दामले, सुनील तिवारी व आरक्षक सौरभ सिंह की मेहनत से ठगों का गैंग दबोचा गया।
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