Vande Bharat Express: जबलपुर-भोपाल और भोपाल-इंदौर वंदेभारत ट्रेन के मेंटनेंस विचार-विमर्श शुरू

भोपाल। भोपाल-इंदौर व जबलपुर के बीच यात्रा के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस का रैक 20 जून को भोपाल आएगा। शुरुआती मेटेंनेंस के बाद 22 जून को भोपाल-इंदौर व जबलपुर के बीच ट्रेन का ट्रायल किया जाएगा। पश्चिम मध्य रेलवे जोन व पश्चिम रेलवे जोन ने वंदे भारत ट्रेन के संचालन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। इसके चलते टीटीई, लोको पायलट सहित स्टाफ के लिए करीब 30 कर्मचारियों का चयन किया गया है। रेलवे सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जून को भोपाल से पांच वंदेभारत को वर्चुअली हरी झंडी दिखाएंगे। इसमें भोपाल-इंदौर व जबलपुर के अलावा पटना-रांची, बेंगलुरु-हुबली और गोवा-मुंबई के बीच चलने वाली वंदेभारत ट्रेनें शामिल है। प्रधानमंत्री जिन दो ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे, उनमें 8-8 कोच होंगे। इसमें 564 सीटें होंगी। ट्रेन में 7 एसी चेयर कार और 1 एग्जीक्यूटिव क्लास कोच रहेगा।
रतलाम रेल मंडल ने संभावित टाइम टेबल किया जारी
एक साथ पांच वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाएंगे पीएम मोदी
आरकेएमपी के प्लेटफॉर्म 1 व 2 पर होगा प्रधानमंत्री का कार्यक्रम
सुबह 6.20 बजे इंदौर से भोपाल के लिए रवाना होगी वंदे भारत
रतलाम रेल मंडल ने इंदौर-भोपाल वंदे भारत को लेकर संभावित टाइम टेबिल जारी कर दिया है। ट्रेन सुबह 6.20 बजे इंदौर से भोपाल के लिए रवाना होगी, जो 9.50 बजे भोपाल पहुंचेगी। इसमें पांच मिनट का स्टापेज उज्जैन के लिए रहेगा। भोपाल से इंदौर के लिए यह वंदे भारत शाम 6.40 बजे चलेगी, जो रात 9.05 बजे उज्जैन जाएगी और फिर 10.10 बजे इंदौर पहुंचेगी। साढ़े तीन घंटे में यह ट्रेन 248 किमी का सफर तय करेगी। इधर टाइम टेबल को लेकर पमरे जोन के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
शताब्दी व अन्य ट्रेनें दूसरे प्लेटफार्म पर होंगी शिफ्ट
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन के प्लेटफॉर्म 1 व 2 पर प्रधानमंत्री का कार्यक्रम होगा। इसके चलते एक व दो नंबर प्लेटफार्म पर आने वाली शताब्दी सहित अन्य ट्रेनों को दूसरे प्लेटफार्म पर शिफ्ट किया जाएगा, जिसकी प्लानिंग बनाई जा रही है।
राजस्थान के अलवर से आ रहा है स्टील ब्रिज
हबीबगंज रेलवे क्रॉसिंग पर 65 मी. लंबे आैर 10 मी. चौड़े स्टील ब्रिज के बनने लगे पिलर
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास हबीबगंज रेलवे क्रॉसिंग पर मेट्रो के लिए 350 टन वजनी 65 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा स्टील ब्रिज बनाने के लिए पिलर बनना शुरू हो गए। भारी-भरकम स्टील ब्रिज पिलर पर रखने के लिए राजस्थान के अलवर से आ रहा है, जो यहां आकर पिलर पर रख कर सिर्फ नटबोल्ट से कसना है। मेट्रो अधिकारियों के अनुसार, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तक इस साल सितंबर में मेट्रो का ट्रायल पूरा होने के बाद एम्स तक लाइन क्लियर करने के लिए कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी की रिपोर्ट आ चुकी है। इसलिए रेलवे क्राॅसिंग पर स्टील ब्रिज का काम शुरू किया गया है। ब्रिज को पिलर पर रखने के लिए रेलवे से आधे घंटे का हॉल्ट लिया जाएगा।
दिल्ली की तर्ज पर स्टील का आरओबी
मेट्रो रेल कंपनी ने दिल्ली मेट्रो द्वारा पंजाबी बाग रेलवे क्रॉसिंग पर बनाए गए ब्रिज की डिजाइन के आधार पर अपनी डिजाइन रेलवे को सबमिट की और रेलवे क्राॅसिंग करने के शुल्क के रूप में दस लाख रुपए जमा करा दिए। स्टील ब्रिज की टेक्निकल डिजाइन भी मंजूर हो गई थी। अब यह ब्रिज जल्दी तैयार भी हो जाएगा।
आरओबी के जरिए क्रॉस करेगी मेट्रो: एम्स की तरफ से आने-जाने वाली मेट्रो हबीबगंज रेलवे क्रॉसिंग को एक आरओबी के जरिए क्रॉस करेगी। पहले इसके लिए रेलवे क्रॉसिंग पर पटरियों के बीच में एक पिलर बनाया जा रहा था, लेकिन रेलवे ने सुरक्षा कारणों से मंजूरी नहीं दी
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