ग्रामीणों ने किया पुलिस पर हमला, ठग को पकड़ने पहुंचे थे जवान

भोपाल। देश भर में साइबर अपराधों को अंजाम देने वाले जामताड़ा मॉड्यूल को पकड़ने गई भोपाल साइबर पुलिस पर हमला किया गया था। भोपाल से जब टीम जामताड़ा के गांव पहुंची तो वहां महिलाओं ने पुलिस पर हमला कर दिया। जामताड़ा के 308 गांव ऐसे है, जहां से इस तरह के फ्रॉड अंजाम दिए जाते है और ये पूरा गांव आरोपियों की मदद करता है।
बताया जाता है कि एटीएम, ओटीपी और अकाउंट बंद होने के झांसे भरे फोन आमतौर पर लोगों को आते हैं और जैसे ही लोग इन कॉल के जाल में फंसते हैं तो उनके अकाउंट से पैसा भी साफ हो जाता है। इस तरह के जामताड़ा साइबर फ़्रॉड मॉड्यूल देश भर में प्रसिद्ध है। ऐसे ही 10 लाख का फ्रॉड करने वाले एक आरोपियों को पकड़ने भोपाल साइबर पुलिस जामताड़ा पहुंची थी, लेकिन वहां पर पुलिस पर गांव वालों ने हमला कर दिया।
पुलिस के पहुंचते ही महिलाएं इकट्ठा हो गई और पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी। पुलिस की 5 गाड़ियों में तोड़ फोड़ हुई लेकिन फिर भी पुलिस मौके से 5 आरोपियों को पकड़कर भोपाल ले आई। इनमें से कुछ आरोपियों को पुलिस ने पश्चिम बंगाल से भी गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि पश्चिम बंगाल और झारखंड के जामताड़ा से यह मॉडल संचालित होता है और देश भर के अब तक कई लोगों को यह गिरोह ठग शिकार बना चुका है।
जामताड़ा के 308 गांव में इन ठगों को एटीएम मास्टर कहा जाता है, जो जितना बड़ा एटीएम मास्टर होता है उसकी उतनी ही इज्जत होती है और तो और उसके लिए शादी के रिश्ते भी अच्छे आते हैं। पुलिस जब भी यहां इन्हें पकड़ने आती है तो गांव वालों की मदद से उन्हें पहले ही सूचना मिल जाती है और यह लोग जंगलों में फरार हो जाते हैं। झारखंड का जामताड़ा के आसपास के जंगल के इलाके नक्सली है और जंगलों में जब भी ये आरोपी फरार होते हैं तो पुलिस भी इनका पीछा करने से बचती है और इसी वजह से यह लोग बच निकलते हैं।
जंगलों में भी इनके ठिकाने होते हैं, जिसकी वजह से पुलिस के लिए इन्हें पकड़ना काफी मुश्किल होता है। जामताड़ा के 308 गांव में बैठे ये ठग झारखंड में ठगी नहीं करते, लेकिन देश भर के दूसरे राज्यों में हर रोज यहां से कई लोगों को ठगा जाता है। पुलिस ने 5 आरोपियों को पकड़ा है, उन्होंने भी कई बड़े खुलासे जामताड़ा के इन 308 गांव को लेकर किए हैं।
यह लोग फर्जी अकाउंट और फर्जी सिम खरीदा करते थे, जिसमें लोगों से ठगे गए पैसे भी ट्रांसफर किया करते थे। ऐसे ही फर्जी अकाउंट बेचने वाले को पकड़ने के लिए भोपाल से साइबर पुलिस पश्चिम बंगाल भी पहुंची है। बहरहाल जामताड़ा के ठग मॉड्यूल के किस्से देशभर में प्रचलित है और जिस तरह के हालात पुलिस बयां कर रही है, उससे तो यह साफ होता है कि इस मॉडल को तोड़ पाना पुलिस के लिए बेहद कठिन है। ऐसे में लोगों के लिए जरूरी है कि वह इस तरह के लोगों से सावधान रहें।
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