ग्रामीणों ने CEO से की सड़क चोरी होने की शिकायत, कहा- रात में अच्छी बनी थी सड़क, सुबह चोरी हो गई

ग्रामीणों ने CEO से की सड़क चोरी होने की शिकायत, कहा- रात में अच्छी बनी थी सड़क, सुबह चोरी हो गई
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सीधी जिले के एक गाँव में कागज में 20 लाख रुपए की लागत की सड़क बन गई. अब सड़क की सच्चाई की पोल खुल रही है. ग्रामीण रहवासी सड़क चोरी हो जाने का आरोप लगाते हुये जनपद अधिकारियों से मामले की शिकायत की है. CEO भी स्वीकार कर रहें है सड़क चोरी होने की शिकायत मिली है. अब मामले में अधिकारी ग्रामीणों को जांच करने का भरोसा दे रहे हैं.

सीधी. सीधी जिले के एक गाँव में कागज में 20 लाख रुपए की लागत की सड़क बन गई. अब सड़क की सच्चाई की पोल खुल रही है. ग्रामीण रहवासी सड़क चोरी हो जाने का आरोप लगाते हुये जनपद अधिकारियों से मामले की शिकायत की है. CEO भी स्वीकार कर रहें है सड़क चोरी होने की शिकायत मिली है. अब मामले में अधिकारी ग्रामीणों को जांच करने का भरोसा दे रहे हैं.

सीधी जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर मंझौली जनपद क्षेत्र के मेंडरा ग्राम पंचायत में कागज में लाखों की लागत से सड़क बनाये जाने का मामला सामने आया है. जिसकी सच्चाई की पोल सड़क की जमीनी हकीकत और सड़क में खाई नुमा गड्ढों में भरा बरसात का पानी बयां कर रहा है. लिहाजा ग्रामीण रहवासियों को उस सड़क से आने जाने में मुसीबतों का सामना करना पड़ा रहा है. वह अभी से नहीं बल्कि आजादी के बाद से ही करते आ रहे हैं, लेकिन ग्राम पंचायत कर्मी तो कागज में वर्ष 2017 में 10 लाख की लागत से मुरम की कच्ची सड़क और उसके 6 महीने बाद ही 10 लाख की लागत से पक्की पीसीसी सड़क बना चुके हैं.

जब इस मामले की जानकारी ग्राम पंचायय के उपसरपंच और रहवासियों की हुई तो निमार्ण कार्य एजेंसी मामले की लीपा-पोती करने के लिये रात में सड़क बनाने का काम की लेकिन सुबह होते ही सड़क चोरी हो गई. अब ग्रामीण रहवासी सड़क चोरी हो जाने का आरोप लगाते हुये मामले की शिकायत जनपद के अधिकारीयों से की है. गाँव के उपसरपंच का कहना है कि वार्ड क्रमांक 15 की सड़क रात में अच्छी बनी थी लेकिन जब सुबह देखे तो सड़क चोरी हो गई. बल्कि सड़क बनाने को रखा मुरुम भी गायब हो गया है. कौन चोरी कर ले गया कुछ पता नहीं. अब गाँव के रहवासियों के साथ मामले की शिकायत जनपद अधिकारियों से करने जा रहा हूं. मेडरा गांव में सड़क की चोरी होने का मामला जब जनपद पंचायत मझौली पहुंचा तो पंचायत के सीईओ को भी पहली बार मामला सुनते ही हैरानी हुई. उन्होंने कहा कि ऐसा मामला उन्हें पहली बार सुनने को मिला है. हालांकि उनका कहना था कि गांव वालों ने सड़क की चोरी होने की जो शिकायत दर्ज कराई है उसे चोरी कहना ठीक नहीं होगा. उनका कहना है कि वे हाल ही में यहां नियुक्त हुए हैं और उन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं है. वे जांच कराएंगे इसके बाद ही तथ्य सामने आएंगे उसी के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बहरहाल यह पूरा मामला भ्रष्टाचार जुड़ा है. लेकिन कुम्भकर्णी नींद में सो रहे जिला प्रशासन के अधिकारियों की नींद अब तक नहीं खुल सकी है. ग्रामीण रहवासी सड़क चोरी होने की शिकायत दर्ज कराकर अधिकारियों नीद से जगाने का काम किये हैं. अब देखना यह होगा कि इस पूरे मामले में अधिकारी आगे क्या कुछ रूख अख्तियार करते हैं.

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