ग्रामीणों ने रुकवाया बांध निर्माण का काम, कहा- 'घरों के डूब जाने के बाद कहां जाएंगे'

धार। सिंचाई परियोजना बांध को लेकर क्षेत्रवासियों ने निर्माणाधीन बांध का काम रोक दिया और वहां धरने पर बैठ गये। ग्रामीणों का कहना है कि करोड़ों की लागत से बन रहे उक्त बांध से उनके करीब 8 गांव डूब में आ रहे हैं। वहीं अधिकतर ग्रामीणों को मुआवजा नहीं दिया गया है। बांध बनने के बाद ग्रामीणों के जीवन में रहने के साथ साथ रोजी-रोटी की समस्या भी खड़ी हो जाएगी।
मामला धार जिले के धरमपुरी विधानसभा के भारुडपुरा क्षेत्र का है, जहां कारम नदी पर बन रहे मध्यम सिंचाई परियोजना बांध को लेकर क्षेत्रवासी द्वारा निर्माणाधीन बांध का काम रोक कर वहां धरना दिया। ग्रामीणों के अनुसार करोड़ों की लागत से बन रहे उक्त बांध से उनके करीब 8 गांव डूब में आ रहे हैं, साथ ही अधिकतर लोगों को मुआवजा नहीं दिया गया है। वे अपने घरों के डूब जाने के बाद कहां जाएंगे? जमीनों के डूब में आने से उनके लिए काम धंधे भी नही बचेंगे, जिसके चलते रोजी-रोटी का संकट उनके लिए खड़ा हो गया है, साथ ही उनके परिवार के साथ उनके मवेशियों को भी मरने की नौबत आन पड़ी है, ऐसे में कई बार अधिकारियों से संपर्क करने के बाद भी अधिकारियों द्वारा केवल आश्वासन दिया जाता रहा है।
वहीं कई अधिकारी बदले जा चुके हैं परंतु उनकी रोजी-रोटी व जीने मरने कि किसी को चिंता नहीं, उनके मकान व जमीन छीनी जा रही है, जिस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। वहीं संबंधित विभाग के अधिकारियों से चर्चा की गई तो उनके अनुसार अधिकतर ग्रामीणों को प्रत्येक परिवार को 5 लाख के हिसाब से मुआवजा दे दिया गया है एवं कुछ क्षेत्र के लोगों के मुआवजे को लेकर धार कलेक्टर के पास संबंध में जानकारियां पहुंच गई है शीघ्र ही लोगों तक मुआवजा पहुंच जाएगा।
कुछ गांव में मकान डूब में आ रहे हैं जिनको लेकर सर्वे के अनुसार शीघ्र ही ग्रामीणों की व्यवस्थाएं की जा रही है, काम बंद कराने के सवाल पर अधिकारियों के अनुसार काम सतत जारी है तथा इसको लेकर उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों तक जानकारी भेज दी है।
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