साठ दिन में बैठक न बुलाना कानून का उल्लंघन, नगर निगम मुख्यालय में कांग्रेस पार्षदों का हंगामा, ज्ञापन सौंपा

भोपाल। नगर निगम अधिनियम की धारा 27 में साफ शब्दो में उल्लेख किया गया है कि परिषद की एक बैठक के बाद दूसरी बैठक हर हाल में 60 दिन के अंदर बुलानी होगी। वर्ना यह अधिनियम का उल्लंघन माना जाएगा। पिछली बैठक 3 नवंबर को हुई थी, इसलिए अगली बैठक 3 जनवरी तक होना थी। इस संबंध में नगर निगम परिषद अध्यक्ष का कहना है कि उन्होंने 60 दिन होने से पहले ही अधिकारियों को पत्र लिख दिया था, लेकिन बैठक को लेकर उन्होंने गंभीरता नहीं दिखाई। इसे लेकर कांग्रेस पार्षदों ने हंगामा कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष ने पार्षदों के साथ दर्ज कराया विरोध
भोपाल नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता आसिफ जकी ने सोमवार को कांग्रेस पार्षद दल के साथ नगर निगम मुख्यालय पहुंचकर परिषद की बैठक नियम अनुसार न कराए जाने पर अपना विरोध दर्ज कराया। नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता आसिफ जकी ने अपर आयुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि परिषद की बैठक 2 महीने में होना आवश्यक है, पिछली बैठक 3 नवंबर को आयोजित की गई थी।.मगर समय सीमा पूरी होने के बावजूद आज तक परिषद सम्मेलन का एजेंडा जारी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि समय सीमा में परिषद की बैठक आयोजित नहीं कर भोपाल नगर निगम अधिनियम की धारा 27 का खुला उल्लंघन हुआ है। महापौर परिषद द्वारा सम्मेलन का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए आज तक निगम कमिश्नर को नहीं भेजा गया है, जो कि अवैधानिक है।.जकी ने ज्ञापन के माध्यम से मांग कि महापौर परिषद जनहित के मुद्दों के लिए जल्द परिषद सम्मेलन बुलाए, जिससे शहर का विकास रफ्तार पकड़ सके।
प्रस्ताव तैयार है, तारीख अधिकारी तय करें
नगर निगम परिषद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी के अनुसार बैठक के लिए प्रस्ताव तैयार हो चुका है और बैठक की तारीख अधिकारियों को तय करना है। बैठक की तारीख 60 दिन से पहले तय होने की जानकारी अधिकारियों को है। तारीख एक दो दिन में तय हो जाएगी, जिसके बारे में जल्दी ही सभी को बता दिया जाएगा।
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