इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को क्या है प्रेशर... जिस वजह से दिल का दौरा पड़ने के आसार बढ़ जाते हैं

इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को क्या है प्रेशर... जिस वजह से दिल का दौरा पड़ने के आसार बढ़ जाते हैं
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मिर्जापुर, केसरी में किरदार निभा चुके रायसेन के ब्रह्मा मिश्रा के निधन पर राजधानी के कलाकारों ने अर्पित किए श्रद्धा सुमन और बताया कि

भोपाल। फिल्म इंडस्ट्री में हर कोई नाम शोहरत इज्जत रूतबा कमाना चाहता है और इसके लिए भरसक प्रयास भी करता है। फिर वो वेबसीरिज के माध्यम से हो या फिर फिल्मों के माध्यम से, हर कोई शीघ्रता से सफलता की सीढ़ी चढ़ना चाहता है। लेकिन कई बार जीवन की यह कामना साथ नहीं देती और इन लोगों के मन पर इतना प्रेशर बढ़ जाता है जो उनक जान पर ही आ पड़ता है।

हाल ही में एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला हो या कुसुम, प्यार का दर्द है जैसी फिल्मों में काम कर चुके अबीर गोस्वामी, चोखेर बाली और अंतर महल जैसे जबरदस्त फिल्म बनाने वाला यह निर्देशक रितुपर्णो घोष, अभिनेता इंद्र कुमार 44 साल में मौत को गले लगाया और बुधवार को मिर्जापुर, केसरी, हसीन दिलरुबा, मांझी, बद्रीनाथ की दुलहनिया में काम कर चुके रायसेन मप्र के कलाकार ब्रह्मा मिश्रा की भी मृत्यु हो गई। जिसकी वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है। हरिभूमि ने राजधानी के थिएटर आर्टिस्ट से जाना कि आखिर इंडस्ट्री में क्या प्रेशर है जिस वजह से लोग दिल पर ले लेते हैं और उनकी मृत्यु तक हो जाती है।

काफी सहनशील और एक्टिव थे ब्रह्मा मिश्रा

थिएटर आर्टिस्ट अनूप जोशी बंटी ने कहा कि इंडस्ट्री से जुड़े हुए लोगों में इतनी ज्यादा प्रेरणा बढ़ जाती है कि उन्हें वहां पर स्थापित होने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लेकिन यदि मैं ब्रह्मा मिश्रा की बात करूं तो वह काफी सहनशील थे और काफी एक्टिव रहे हैं और काफी मुश्किल दौर से रिवाइव होकर वह आए थे। व्यक्तिगत टैलेंट के धनी थे और अच्छा काम करता था और आगे भी अच्छा काम करना चाहता था।

देहाती मिजाज के ब्रह्मा काफी हंसमुख था

एमपीएसडी के पूर्व निदेशक आलोक चटर्जी का कहना है कि मैं ब्रह्मा मिश्रा का गुरु रहा हूं और फिल्म इंस्टीट्यूट आॅफ पुणे में मैंने उसे पढ़ाया है और आज से 2 साल पहले हरिद्वार में एक शूटिंग में भी वह मुझे मिले थे जिसमें हमने अच्छा वक्त बिताया था। हंसमुख स्वभाव का धनी था, मुझे गुरुजी गुरुजी करके बात करता था। देहाती मिजाज के ब्रह्मा को हम कहते थें कि अब रघुवीर यादव के बाद तुम्हारा ही नाम इंडस्ट्री में गूंजेगा यह मेरी व्यक्तिगत क्षति भी है, व्यक्तिगत क्षति के रूप में मैंने एक अपना एक उम्दा शिष्य खोया है। आलोक चटर्जी का कहना है कि इंडस्ट्री में सफल होने के लिए दबाव ज्यादा रहता है और इसी वजह से लोग प्रेशर में भी काम करते हैं, जिसकी किस्मत मेहरबान होती है और वह चल पड़ते हैं।

इंडस्ट्री में बहुत जल्दी बहुत बड़ा बनने की चाहत सभी की

थिएटर आर्टिस्ट मांगीलाल शर्मा का कहना है कि मैं ब्रह्मा को जानता नहीं हूं लेकिन उनके बारे में काफी सुना है जो हमारे प्रदेश से ही जुड़े हुए कलाकार हैं। मांगीलाल कहते हैं कि इंडस्ट्री में कई बार बाहर से जो लोग जाते हैं वह पैशेंस के साथ काम नहीं करते, बहुत जल्दी बहुत बड़ा बनना चाहते हैं और इस वजह से वह कई बार पतन की होते चले जाते हैं। इसके साथ ही मुंबई में तो यूनियन के हिसाब से क्राउड यूनियन के जरिए ही आता है और फिर उनका पैसा और टाइम डिसाइड होता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में जो डायरेक्टर शूटिंग के लिए आते हैं वह प्रोडक्शन टीम के जरिए क्राउट इकट्ठा करते हैं और चंद पैसों में लोग घंटो घंटो खड़े रहते हैं, तो यह एक तरह से शोषण है जो नहीं होना चाहिए। इंडस्ट्री शोषण से भरी हुई है।

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