जांच बढ़ाई तो डेंगू के मरीजों ने तोड़ा छह साल का रिकॉर्ड

भोपाल। कोरोना संक्रमण थमने के बाद अब डेंगू ने आतंक मचाना शुरू कर दिया है। कोरोना संकट के बीच प्रदेश में बढ़ाई गई लैबों का फायदा यह हुआ कि इस साल के नौ माह में हुई डेंगू के संदिग्ध मरीजों के सैंपल की सबसे ज्यादा जांच हुई है। पिछले छह साल में सबसे ज्यादा 30 हजार सैंपल की जांच की गई है। इसमें पॉजिटिव मिले डेंगू के मामलों ने पिछले छह साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। बीते छह साल में डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज पिछले नौ माह में मिले हैं। इससे पहले साल 2018 में प्रदेश में डेंगू के 4997 मरीज मिले थे लेकिन इस साल के नौ महीनों में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा छह हजार के पार पहुंच गया है।
मच्छरों पर निष्प्रभावी हुई दवाओं को बदला
सितंबर के महीने में तेजी से बढ़ते मरीजों को देखते हुए मलेरिया विभाग ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। मच्छरों पर जिन दवाओं का असर नहीं हो रहा है। ऐसी दवाओं को स्प्रे और फॉगिंग करने में उपयोग करने के बजाए इफेक्टिव केमिकल लार्वीसाइड, बीटीआई, एडल्टी साइड, साइफेनोथ्रिन का उपयोग शुरू किया गया। यही नहीं जिलों में स्वास्थ्य विभाग की अंतरविभागीय समितियों, नगर निगम, पंचायत विभाग के कर्मचारियों के साथ संयुक्त दल बनाकर फॉगिंग और मच्छर रोधी दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है।
छह साल में मिले डेंगू व चिकनगुनियां के मरीज
साल जांच डेंगू पॉजिटिविटी प्रतिशत
2016 7327 3340 45.58
2017 8658 2666 30.79
2018 16989 4997 29.41
2019 11293 4120 36.48
2020 7683 806 10.49
2021 30302 6009 20.03
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दस जिलों में नहीं हो पाती थी जांच
मलेरिया विभाग के अफसरों की मानें तो कोरोना संकट काल में जांच की व्यवस्था दुरूस्त हुई है। आंकडों के अनुसार सभी जिलों में डेंगू जांच की व्यवस्था थी लेकिन हकीकत में 10 से 12 जिलों में जांच नहीं हो पाती थी। कभी एलाइजा मशीन खराब तो कभी टेक्नीशियन की कमी, किट की कमी जैसे कारणों के चलते जांच नहीं होती थी। लेकिन इस साल करीब 10 संस्थाओं में एलाइजा टेस्ट की व्यवस्था शुरू हुई है। प्रदेश में अब 60 सेंटर्स पर डेंगू के सैंपल की जांच हो रही है।
सितंबर में तेजी से बढ़े मरीज
इस साल जनवरी से अगस्त तक डेंगू के कुल 1674 मरीज मिले थे। जबकि सितंबर में ही अकेले चार हजार से ज्यादा नए मरीज मिल गए। हालांकि मलेरिया विभाग के अफसरों का दावा है कि अब केस कम हो रहे हैं। अक्टूबर के बाद इनकी संख्या कम हो जाएगी।
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