सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर मुख्यमंत्री चौहान ने क्यों कहा, सत्यमेव जयते, ये भी बोले शिवराज...

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण मामले में आज मप्र सरकार सरकार को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने नगरीय निकाय वह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के साथ कराने को कहा है। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि यह आरक्षण 50 फ़ीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इसलिए ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण ही मिल सकेगा। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसे सरकार की बड़ी जीत बताई है उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ओबीसी आरक्षण का विरोध करती आ रही है, किंतु कोर्ट ने आरक्षण के साथ चुनाव कराने का फैसला कर सरकार के फैसले को सही साबित किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है और मैं अभिभूत हूं। सत्यमेव जयते।
मुख्यमंत्री ने कहा हमने कोई कसर नहीं छोड़ी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यही कहा था हम चुनाव चाहते है लेकिन ओबीसी आरक्षण के साथ।कांग्रेस ने पाप किया था चुनाव तो पहले ही ओबीसी आरक्षण के साथ हो रहे थे लेकिन कांग्रेस के लोग ही सर्वोच्च न्यायालय के पास जा रहे थे। जिसके कारण यह फैसला हुआ था कि ओबीसी आरक्षण के बिना ही चुनाव हों। हमने हर संभव प्रयास किए कोई कसर नहीं छोड़ी ट्रिपल टी टेस्ट के लिए हमने ओबीसी आयोग का गठन किया। ओबीसी कमीशन ने पूरे प्रदेश का दौरा किया तथ्य जुटाए, व्यापक सर्वे किया और उन तथ्यों के आधार पर जो रिपोर्ट बनाई हमने वह रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत की।फिर सर्वोच्च न्यायालय ने निकायवार कहां कैसे सर्वे होगा उसकी रिपोर्ट मांगी, हमने निकायवार रिपोर्ट तैयार की और वह रिपोर्ट माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग खुशियां मनाते रहे कि अब ओबीसी का आरक्षण नहीं होगा भाजपा को कठघरे में खड़े करने का मौका मिलेगा। जब हम मोडिफिकेशन के लिए सर्वोच्च न्यायालय में गए तब भी कांग्रेस के मित्रों ने कहा " अब नहीं हो सकता"।
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