कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने क्यों कहा- दोगुनी आय का जुमला छोड़, लहसुन-प्याज का लागत मूल्य ही किसानों को दे दे सरकार

कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने क्यों कहा- दोगुनी आय का जुमला छोड़, लहसुन-प्याज का लागत मूल्य ही किसानों को दे दे सरकार
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कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा है कि मध्यप्रदेश में आय दोगुनी करना तो दूर किसान अपनी लहसुन और प्याज की फसल 50 पैसे प्रति किलो के भाव पर बेचने के लिए मजबूर हैं। अपने खून पसीने से उगाई फसल को नदी नालों में बहा रहा है। यही नहीं उनका मंड़ी तक आने का किराया तक नहीं निकलने के कारण और उचित मूल्य न मिलने पर किसान अपनी प्याज-लहसुन मंडियों में ही छोड़कर जा रहे हैं। मंडी आने वाले किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है। लहसुन-प्याज की बोरियां लेकर पहुंचे कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने मीडिया से बात की।

भोपाल। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा है कि मध्यप्रदेश में आय दोगुनी करना तो दूर किसान अपनी लहसुन और प्याज की फसल 50 पैसे प्रति किलो के भाव पर बेचने के लिए मजबूर हैं। अपने खून पसीने से उगाई फसल को नदी नालों में बहा रहा है। यही नहीं उनका मंड़ी तक आने का किराया तक नहीं निकलने के कारण और उचित मूल्य न मिलने पर किसान अपनी प्याज-लहसुन मंडियों में ही छोड़कर जा रहे हैं। मंडी आने वाले किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है। लहसुन-प्याज की बोरियां लेकर पहुंचे कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने मीडिया से बात की।

50 से 100 रुपए बिक्री और एंट्री 325 रुपए की

चौधरी ने प्रदेश के लहसुन एवं प्याज की खेती करने वाले किसानों की दुर्दशा पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि 50 से 100 रू. की बोरी लहसुन-प्याज की बिक रही है और रजिस्टर में एंट्री 325 रू. की जा रही है, ताकि विधानसभा में कोई आवाज न उठा सके। किसानों को प्याज खरीदी की रसीद तक नहीं दी जा रही। उन्होंने कहा कि एक बीघा में 35 से 40 मजदूर लगते हैं और एक क्विंटल में 40 हजार की लागत लगती है। सरकार अपनी नीति और नियत को छोडे़, किसानों के साथ न्याय करे और उचित दाम पर प्याज-लहसुन की खरीदी करे।

बढ़ने की बजाय घटा है प्याल, लहसुन का रकबा

श्री चौधरी ने कहा कि वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी किसानों की आय दोगुनी की जायेगी। किसान की आय दुगनी करना तो दूर किसान को अपनी फसल का लागत मूल्य तक नहीं मिल पा रहा है। शिवराज सरकार किसान को फसलों का उचित मूल्य ना मिल पाने पर दलील देती है की खेती का रकबा बढ़ने के कारण किसान को उचित मूल्य मिलने में समस्या आ रही है, परंतु सच्चाई यह है कि प्याज और लहसुन का रकबा पिछले कुछ वर्षों में बढ़ने की बजाय घट गया है।

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