वसूली के लिए चस्पा किए जा रहे नोटिस व कुर्की की जानकारी मेयर को क्यों नहीं: शबिस्ता आसिफ जकी

वसूली के लिए चस्पा किए जा रहे नोटिस व कुर्की की जानकारी मेयर को क्यों नहीं: शबिस्ता आसिफ जकी
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नगर निगम द्वारा पूरे शहर में चल रहे वसूली अभियान के साथ ही नोटिसए जब्ती और कुर्की की कार्रवाई जोरशोर से की जा रही है लेकिन इस संबंध में मेयर मालती राय को कोई जानकारी नहीं होती है। अधिकारी परिषद न होने से पहले अपनी मनमानी करते रहे और अब परिषद बनने के बाद भी वही काम हो रहा है।

भोपाल। नगर निगम द्वारा पूरे शहर में चल रहे वसूली अभियान के साथ ही नोटिसए जब्ती और कुर्की की कार्रवाई जोरशोर से की जा रही है लेकिन इस संबंध में मेयर मालती राय को कोई जानकारी नहीं होती है। अधिकारी परिषद न होने से पहले अपनी मनमानी करते रहे और अब परिषद बनने के बाद भी वही काम हो रहा है। यह लोकतंत्र का अपमान है और यह मुद्दा 4 या 5 जनवरी को होने वाली नगर निगम परिषद की बैठक में उठाया जाएगा। यह बात मंगलवार को कांग्रेस पार्षद और परिषद की नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता आसिफ जकी ने एक चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि आयुक्त और अन्य अधिकारी कोई काम करने से पहले मेयर से कोई चर्चा ही नहीं कर रहे हैं। मेयर को इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा करना चाहिए। इसलिए कांग्रेस पार्षद दल परिषद की होने वाली बैठक में प्रमुखता से अपनी बात रखेगा।

प्रस्ताव 15 दिन पहले भेजा

शबिस्ता आसिफ जकी के अनुसार, परिषद की पिछली दो बैठक में उनके प्रस्ताव को यह कह कर शामिल नहीं किया जाता था कि प्रस्ताव भेजने में देर हो गई, इसलिए इस बार 15 दिन पहले प्रस्ताव भेज दिया है। इसके साथ ही परिषद में यह मुद्दे भी रहेंगे, जिसमें नगर निगम के कर्मचारी और अधिकारियों जीपीएफ और पीएफ का पैसा वसूल तो किया जा रहा है, लेकिन जमा नहीं किया जा रहा। यह सबसे बड़ा घोटाला है।

प्रतिनियुक्ति वाले कर्मी वापस होना चाहिए

नगर निगम परिषद में कांग्रेस पार्षद दल द्वारा नगर निगम में प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे कर्मियों का भी मुद्दा उठाया जाएगा। क्योंकि इनके कारण भी नगर निगम को घाटा उठाना पड़ रहा है।

बिना परिषद में लाए राशि का खर्च

कांग्रेस पार्षदों के अनुसार 2 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि वाले किसी भी कार्य को बिना परिषद में लाए बिना नहीं करवा सकते हैं। लेकिन अधिकारी नरेला हुजुर और गोविंदपुरा विधान सभा क्षेत्र में 2 करोड़ से थोड़ी सी राशि कम कर टेंडर जारी किए जा रहे हैं, जबकि यह काम दूसरी विधानसभा क्षेत्र में भी होना चाहिए। इस भेदभाव को लेकर भी परिषद में हंगामा होगा।

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