क्यों कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए अहम है यादव समाज, सिर्फ बुंदेलखंड ही नहीं ग्वालियर चंबल में भी किंग मेकर है यादव वोटर

इस साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा का चुनाव होना है। जिसको लेकर दोनों ही मुख्य पार्टियों ने प्रत्येक समुदाय को अपनी तरफ करने के लिए योजनाएं बनानी शुरू कर दी है ।सिर्फ योजनाएं ही नहीं अब तो उनका क्रियान्वन भी शुरू हो चुका है । ऐसा ही एक समाज है यादव समाज जो सिर्फ प्रदेश के बुंदेलखंड ही नहीं ग्वालियर और चंबल में भी मजबूत पकड़ रखता है ।
यादव समाज की आबादी 80 से 90 लाख
प्रदेश में यादव समाज की आबादी 80 से 90 लाख है लेकिन कुछ ही सीटों में आबादी के सीमित होने के कारण उन सीटों पर इन वोटो का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है। मध्य प्रदेश की दोनों ही प्रमुख पार्टी कांग्रेस और बीजेपी में ही यादव समाज के बड़े नेता हैं। कांग्रेस पार्टी में यादव समुदाय के प्रमुख नेताओं में पूर्व पीसीसी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव है और प्रदेश के बुंदेलखंड के चार जिलों में यादव आबादी निर्णायक है। जिसके कारण इनकी जिम्मेदारी भी अरुण यादव को दी गई है । इनके साथ ही सचिन यादव संजय यादव लखन सिंह यादव हर्ष यादव जैसे विधायक इस समय कांग्रेस के साथ हैं।
शिक्षा मंत्री मोहन यादव बीजेपी में यादव चेहरा
वहीं अगर हम बीजेपी की बात करें तो मोहन यादव जो प्रदेश की वर्तमान सरकार में शिक्षा मंत्री हैं । वह यादव जाति से ही आते हैं। उनके अलावा भाजपा के सांसद केपी यादव व बृजेंद्र सिंह यादव शिशुपाल यादव जैसे विधायक भाजपा में है।
यादव समुदाय के नेताओं का कांग्रेस की तरफ बढ़ता झुकाव
हाल ही में यह देखने को मिला है की यादव समुदाय के नेताओं का कांग्रेस की तरफ झुकाव बढ़ रहा है ।चाहे वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास बैजनाथ सिंह यादव का भाजपा से कांग्रेस में जाना हो या कट्टर भाजपाई यादवेंद्र सिंह यादव का कांग्रेस का हाथ थामना ।इससे यह लग रहा है कि यादव समाज के नेता कांग्रेस में ज्यादा राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित समझ रहे हैं।
बुंदेलखंडमें सर्वाधिक शक्ति
प्रदेश में यादव समुदाय जिस क्षेत्र में सर्वाधिक शक्ति रखता है। वह क्षेत्र बुंदेलखंड है। बुंदेलखंड क्षेत्र में प्रदेश की 29 विधानसभा सीटें आती हैं। इसके साथ ही यादव समुदाय का प्रभाव ग्वालियर चंबल क्षेत्र में भी है यही से यही से विजेंद्र सिंह यादव, शिशुपाल यादव, लखन सिंह यादव और हर्ष यादव जैसे विधायक आते हैं।
एक ही यादव नेता बन पाया मुख्यमंत्री
आज तक मध्य प्रदेश में यादवों में से निकले बड़े नेतृत्व की बात करें तो सिर्फ एक ही यादव नेता मुख्यमंत्री बन पाया है। वह भी सिर्फ एक वर्ष के लिए और वह भाजपा नेता है स्वर्गीय बाबूलाल गौर । जो 2004 से 2005 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे वही कांग्रेस की बात करें तो आज तक कोई भी यादव नेता मुख्यमंत्री नहीं बना है । लेकिन 1993 से 1998 तक दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में सुभाष यादव डिप्टी सीएम के पद पर रहे थे ।
देखना यह है की 2030 के विधानसभा चुनाव में यादव वोटर किसकी झोली में अपने बाहुल सीटों को डालता है और प्रदेश में किस पार्टी को सत्ता में पहुंचना का काम करता
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