सर्दी की दस्तक के साथ पचमढ़ी में फलने लगते हैं आंवले, आकार में छोटे पर होते हैं पूर्णत: देशी, आंवले के बहुत फायदे

सर्दी की दस्तक के साथ पचमढ़ी में फलने लगते हैं आंवले, आकार में छोटे पर होते हैं पूर्णत: देशी, आंवले के बहुत फायदे
X
पचमढ़ी के जंगलों को देखे तो यहां विशेष तौर पर आवले की कोई खेती नहीं की जाती। पचमढ़ी के बाहरी क्षेत्र जैसे हवाई पट्टी बीटीआई बीफ़ाल रीछगढ़ आदि स्थानों पर आंवले के पेड़ देखे जाते हैं। सर्दियों के मौसम में जब आसमान साफ और नीला होता है उस समय वृक्षों पर लगे यह हल्के हरे रंग के आवले आंखो को खूब ठंडक और जबान को खट्टेपन का ज़ायका दे जाते हैं। हालांकि यह आंवले पूर्णतः देसी है एवं प्राकृतिक तौर पर ही फलते हैं जिस कारण से इनका आकार छोटा होता है।

पचमढ़ी। पचमढ़ी के जंगलों को देखे तो यहां विशेष तौर पर आवले की कोई खेती नहीं की जाती। पचमढ़ी के बाहरी क्षेत्र जैसे हवाई पट्टी बीटीआई बीफ़ाल रीछगढ़ आदि स्थानों पर आंवले के पेड़ देखे जाते हैं। सर्दियों के मौसम में जब आसमान साफ और नीला होता है उस समय वृक्षों पर लगे यह हल्के हरे रंग के आवले आंखो को खूब ठंडक और जबान को खट्टेपन का ज़ायका दे जाते हैं। हालांकि यह आंवले पूर्णतः देसी है एवं प्राकृतिक तौर पर ही फलते हैं जिस कारण से इनका आकार छोटा होता है।

आंवले का महत्व

आयुर्वेद के अनुसार हरीतकी (हड़) और आँवला दो सर्वोत्कृष्ट औषधियाँ हैं। इन दोनों में आँवले का महत्व अधिक है। चरक के मत से शारीरिक अवनति को रोकनेवाले अवस्थास्थापक द्रव्यों में आँवला सबसे प्रधान है। प्राचीन ग्रंथकारों ने इसको शिवा (कल्याणकारी), वयस्था (अवस्था को बनाए रखनेवाला) तथा धात्री (माता के समान रक्षा करनेवाला) कहा है। पचमढ़ी में आंवला नवमी पर काफी रोमांच देखने को मिलता है। आंवला नवमी के दिन शहर के परिवार जंगलों में पिकनिक के लिए जाते हैं। पिकनिक के दौरान वह आंवले के साथ-साथ परिवार के साथ भोजन का आनंद लेते हैं।

आंवले के लाभ

आँवला दाह, खाँसी, श्वास रोग, कब्ज, पाण्डु, रक्तपित्त, अरुचि, त्रिदोष, दमा, क्षय, छाती के रोग, हृदय रोग, मूत्र विकार आदि अनेक रोगों को नष्ट करने की शक्ति रखता है। वीर्य को पुष्ट करके पौरुष बढ़ाता है, चर्बी घटाकर मोटापा दूर करता है। सिर के केशों को काले, लम्बे व घने रखता है। दाँत-मसूड़ों की खराबी दूर होना, कब्ज, रक्त विकार, चर्म रोग, पाचन शक्ति में खराबी, नेत्र ज्योति बढ़ना, बाल मजबूत होना, सिर दर्द दूर होना, चक्कर, नकसीर, रक्ताल्पता, बल-वीर्य में कमी, बेवक्त बुढ़ापे के लक्षण प्रकट होना, यकृत की कमजोरी व खराबी, स्वप्नदोष, धातु विकार, हृदय विकार, फेफड़ों की खराबी, श्वास रोग, क्षय, दौर्बल्य, पेट कृमि, उदर विकार, मूत्र विकार आदि अनेक व्याधियों के घटाटोप को दूर करने के लिए आँवला बहुत उपयोगी है। यदि आप फैटी लिवर या पीलिया की समस्या से परेशान हैं तो आंवला का जूस आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। आंवले में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट गुण लिवर स्वास्थ को बनाए रखने में आपकी मदद कर सकते हैं।

Tags

Next Story