World Diabetes Day : जंक फूड, शराब और स्मोकिंग की लत से 18 से 45 साल के युवा हो रहे डायबिटीज का शिकार

World Diabetes Day : जंक फूड, शराब और स्मोकिंग की लत से 18 से 45 साल के युवा हो रहे डायबिटीज का शिकार
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कोराना संक्रमण के बाद राजधानी भोपाल में डायबिटीज मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों की स्केनिंग रिपोर्ट के अनुसार दो वर्ष पहले की स्थिति में मधुमेह के रोगी दोगुने से अधिक हो गए हैं।

भोपाल। कोराना संक्रमण के बाद राजधानी भोपाल में डायबिटीज मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों की स्केनिंग रिपोर्ट के अनुसार दो वर्ष पहले की स्थिति में मधुमेह के रोगी दोगुने से अधिक हो गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना खत्म होने के बाद बुजुर्ग तो अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क हुए, लेकिन युवा लापरवाह हो गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार 18 से 45 साल के युवाओं में जंक फूड, शराब और स्मोकिंग की लत के कारण डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। भोपाल में मार्च 2022 से अप्रैल 2023 में 2117 युवाओं की स्क्रीनिंग में डायबिटीज पाई गई है।

ये होते हैं कारण

सेवा निवृत सीएमएचओ डॉ. सुधीर जैसानी ने बताया कि टाइप-1 डायबिटीज जेनेटिक होती है और मां-बाप से बच्चों में आती है। जबकि, टाइप-2 डायबिटीज खराब डाइट, नशा और लाइफस्टाइल के कारण होती है। इसका साफ मतलब है कि टाइप-2 डायबिटीज से बचाव लाइफ स्टाइल में बदलाव कर इसे बदल सकते हैं। जो लोग पूरा दिन लेटे या बैठे रहते हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

बढ़ गया आंकड़ा

प्रदेश के सभी जिलों में 35,492 में डायबिटीज के पाए गए थे। भोपाल में ही सात माह अप्रैल से अक्टूबर 2023 तक 3735 लोगों में डायबिटीज के लक्षण पाए गए। जबकि प्रदेश में स्क्रीनिंग में यह आंकड़ा बढ़कर 1.51 लाख हो गया। बतादें कि स्वास्थ्य विभाग दो सालों से एनसीडी (असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम) प्रोग्राम के तहत ऐसे मरीजों की स्क्रीनिंग कर रहा है।

लापरवाह है युवा

सीनियर कंसल्टेंट, फिजिशियन डॉ. रतन कुमार वैश्य ने बताया कि बुजुर्गों में मधुमेह को लेकर जागरूकता बढ़ी है। लेकिन युवा इसे लेकर लापरवाह है। 2005 के दशक में ग्रामीण क्षेत्रों में केवल एक से दो प्रतिशत लोग ही मधुमेह से पीड़ित थे, जबकि शहर में यह आंकड़ा 7 से 8 प्रतिशत था, जबकि वर्तमान में यह आंकड़ा 10 से 11 प्रतिशत गांव में और शहर में 16 से 17 प्रतिशत हो गया है। डायबिटीज के मामले पहले 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों में मिलते थे, लेकिन अब तो 10 से 30 साल के युवाओं में तेजी से मिल रहे हैं। अब युवावस्था में ही काफी लोगों को डायबिटीज होने लगा है।

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