उत्तर रेलवे ने दो महीनों में पंजाब और हरियाणा से 18 राज्यों को 62.5 लाख टन खाद्यान्न का लदान किया

देश की सबसे बड़ी जन यातायात प्रणाली भारतीय रेलवे देश में कोरोना वायरस से लड़ने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है । भारत में लॉकडाउन लागू होने के बाद 22 मार्च, 2020 की मध्यरात्रि से सभी यात्री रेलगाडि़यों का संचालन बंद हो गया । लगभग 12 हज़ार मेल/एक्सप्रेस, प्रीमियम और उपनगरीय रेलगाडि़यां रेल नेटवर्क पर ठहर गयीं । भारतीय रेलवे के 167 वर्ष के इतिहास में ऐसी स्थिति कभी नहीं आई यद्यपि मालगाडि़यों का संचालन चलता रहा ।
उत्तर रेलवे एवं उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक, श्री राजीव चौधरी ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा के खाद्यान्न भंड़ारों से देश की 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों तक खाद्यान्न आपूर्ति पहुँचाने का काम उत्तर रेलवे को दिया गया । कोरोना महामारी और इसके फलस्वरूप लागू किए गए लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुई स्थितियों में यह चुनौती बहुत जटिल थी । वैगनों की उपलब्धता, खाद्यान्न के रैकों को समय से भिजवाना, कर्मचारियों की व्यवस्था और इन कठिन परिस्थितियों में उन्हें काम करने की प्रेरणा देना इन कार्यों से संबंधित सभी मंडलों के लिए एक चुनौतीपूर्ण काम था ।
जब लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया गया तो सरकार ने सभी एनएफएसए लाभार्थियों को 5 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न देने की घोषणा की तो इस मांग को पूरा करने के लिए राज्यों को भारतीय खाद्य निगम से तीन माह की खाद्यान्न आपूर्ति भिजवाने का कार्य किया जाना था । इस कार्य को पूरा करने के लिए रेलवे पर बहुत दबाव था । इससे उत्तर रेलवे की औसत लदान क्षमता प्रतिदिन से 3.6 गुणा बढ़ गयी । इसके चलते उत्तर रेलवे पर 22.4.2020 को एक दिन में 54 रैक का लदान करने का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड हासिल किया गया ।
चूँकि कवर्ड रैकों में मालभाड़ा लदान नहीं किया जा रहा था अत: पूरे देश से खाली रैकों की पर्याप्त आपूर्ति का प्रबंध करना और उन्हें लदान के लिए पंजाब और हरियाणा की ओर भेजना एक कठिन काम था । इस मांग को पूरा करने के लिए देश के अन्य क्षेत्रों में चल रहे कवर्ड रैकों को उत्तर भारत की ओर भेजा गया साथ ही इन वैगनों की अनुरक्षण प्रक्रिया में बदलाव करके इनकी उपलब्धता को बढाया गया । राज्यों की आवश्यकता के अनुरूप गंतव्यों की व्यवस्था के लिए भारतीय खाद्यान्न निगम के साथ पहले से योजना बनाई जा रही थी । उत्तर रेलवे द्वारा लोडिंग और ऑफ-लोडिंग के लिए टर्मिनल रिलीज और स्थानीय प्रशासन के साथ श्रमिक उपलब्धता व गृह मंत्रालय के साथ शीर्ष स्तर पर निरंतर समन्वय किया जा रहा था ।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की बढ़ी हुई उपलब्धता और समूचे देश में की राशन की दुकानों पर समय से खाद्यान्न पहुँचाना सुनिश्चित करने के लिए, उत्तर रेलवे ने 01.04.2020 से 08.06.2020 की अवधि के दौरान 18 राज्यों को 2218 रैकों में लगभग 62.47 लाख टन गेहूं और चावल का लदान किया । पंजाब एवं हरियाणा से इन राज्यों को 47.06 लाख टन चावल और 15.04 लाख टन से अधिक गेहूं भिजवाया गया । यह लदान उत्तर रेलवे द्वारा पिछले वर्ष की इसी अवधि में किए गए इस खाद्यान्न लदान से 206% अधिक है । इसके साथ ही उत्तर रेलवे ने लॉकडाउन अवधि के दौरान रेलवे द्वारा देश में भिजवाए जाने वाले कुल खाद्यान्न लदान का लगभग 50 प्रतिशत से अधिक लदान करने की उपलब्धि हासिल की ।
इन लाभार्थी राज्यों में- असम-9.25, बिहार-12.29, छत्तीसगढ-0.05, गोवा-0.21, गुजरात-4.03, जम्मू एवं कश्मीर-0.94, झारखंड-0.42, कर्नाटक-9.79, केरल-0.24, महाराष्ट्र-9.78, नगालैंड-0.70, ओडिशा-0.24, राजस्थान-2.64, पश्चिम बंगाल-2.05, तमिलनाडु-1.15, तेलंगाना-0.05, उत्तर प्रदेश-8.60 और उत्तराखंड-0.05 (लाख टन में आंकड़े) शामिल हैं ।
महाप्रबंधक ने यह भी कहा कि खाद्यान्न, दैनिक उपयोग की वस्तुओं, आवश्यक दवाओं और उपरकरणों को समूचे देश में और दूर-दराज के इलाकों तक पहुँचाने के लिए लम्बी दूरी की विशेष मालगाडि़यां और समय-सारणी से चलने वाली पार्सल कार्गों एक्सप्रेस रेलगाडि़यां उत्तर भारत के विभिन्न भागों से चलती रहेंगी ।
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