कृषि विधेयकों के खिलाफ विरोध, केंद्र ने पंजाब के किसान संघों को वार्ता के लिए बुलाया

पंजाब में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। किसान इन विधेयकों को अपनाने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं इन विरोधों की वजह से राज्य में रेल सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। वहीं इस समस्या के समाधान के लिए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे पंजाब के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को केंद्र ने बातचीत के लिए 13 नवंबर को दिल्ली बुलाया है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव की ओर से किसान संगठनों को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ बातचीत के लिए निमंत्रण भेजा गया है। भारतीय किसान संघ (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने आमंत्रण मिलने की पुष्टि की है। एक किसान नेता ने बताया कि रणनीति पर चर्चा के लिए किसान संघों के प्रतिनिधियों को 12 नवंबर को बुलावा भेजा गया है।
पंजाब भाजपा प्रमुख अश्विनी शर्मा ने केंद्र के फैसले का स्वागत किया है। पिछले महीने पंजाब के कई किसान संघों के प्रतिनिधि कृषि मंत्रालय की बैठक छोड़कर चले गए थे क्योंकि उनकी बात सुनने के लिए कोई मंत्री बैठक में मौजूद नहीं था।
गतिरोध दूर होने की उम्मीद
केंद्र सरकार की ओर से किसानों को बातचीत का निमंत्रण भेजने का मकसद साफ है कि सरकार कई दिनों से चल रहे इस गतिरोध को खत्म करना चाहती है। यह समस्या राज्य में कई तरह की परेशानियां पैदा कर रही है। पंजाब में बिजली संकट तो गहरा ही रहा है साथ ही ट्रेन सेवाएं ठप होने की वजह से रेलवे को काफी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
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