Amritsar: पंजाब में निहंगों और पुलिस के बीच झड़प, 20 के खिलाफ केस दर्ज

Amritsar: पंजाब में निहंगों और पुलिस के बीच झड़प, 20 के खिलाफ केस दर्ज
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अमृतसर (Amritsar) में निहंगों और पुलिस (Police) के बीच शनिवार देर रात झड़प हो गई। मामला बढ़ता देख अतिरिक्त पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचा, तो निहंग गाड़ियों में बैठ फरार हो गए।

अमृतसर (Amritsar) में निहंगों और पुलिस (Police) के बीच शनिवार देर रात झड़प हो गई। मामला बढ़ता देख अतिरिक्त पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचा, तो निहंग गाड़ियों में बैठकर फरार हो गए। पुलिस ने एक निहंग तेजबीर सिंह के अलावा करीब 20 अज्ञात युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, गुरदासपुर (Gurdaspur) के बटाला में भी चालान काटने पर 2 निहंग ट्रैफिक पुलिस के साथ भिड़ गए।

डीसीपी परमिंदर सिंह भंडाल ने बताया कि घटना शहर के सुल्तानविंड रोड की है। ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) की बरसी को लेकर यहां रात को पुलिस चेकिंग चल रही थी। तभी आरोपी तेजबीर सिंह निहंग वहां पहुंचा। उसके साथ 3-4 वाहनों में दो दर्जन के करीब निहंग और भी थे। पुलिस के रोकते ही आरोपी तेजबीर और अन्य निहंगों ने पुलिस से झगड़ा करना शुरू कर दिया। इसी बीच पुलिस ने अतिरिक्त पुलिस टीम को वहां बुला लिया। जैसे ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची, सभी निहंग वहां से गाड़ियों में बैठकर भाग गए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। दूसरी ओर, गुरदासपुर के बटाला स्थित गांधी चौक पर भी निहंगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। यहां भी ऑपरेशन ब्लू स्टार के चलते सख्ती बढ़ाई गई थी। वाहनों की जांच चल रही थी। इसी बीच दो निहंग मोटरसाइकिल से वहां पहुंचे। पुलिस ने जब उनसे डॉक्यूमेंट्स मांगे तो उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। उन्होंने तर्क दिया कि पूरे देश में निहंगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होता और कोई भी निहंगों का चालान नहीं काट सकता। इसके बाद दोनों निहंग धरने पर बैठ गए।

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गौरतलब है कि 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं बरसी है। यह धर्म और सियासत से जुड़ा ऐसा एक मुद्दा है, जिसे सिक्खों के लिए भुला पाना काफी मुश्किल है। आज इस घटना को 39 साल हो चुके हैं, लेकिन अमृतसर के स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा की गई कार्रवाई को याद कर सिक्ख समुदाय आज भी सिहर जाता है। ऑपरेशन ब्लू स्टार थल सेना द्वारा खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ एक कार्रवाई थी, जो उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर की गई थी। यह कार्रवाई 1 जून से 6 जून तक खालिस्तानी उग्रवादी जरनैल सिंह भिंडरावाला और उसके समर्थकों के खिलाफ की गई थी, जो पंजाब को खालिस्तान नाम से अलग देश बनाने की मांग को लेकर स्वर्ण मंदिर के अंदर बैठे थे। एक जानकारी के अनुसार, ऑपरेशन ब्लू स्टार में 83 जवान शहीद हुए थे और 249 घायल हुए थे। इसके अलावा 493 चरमपंथी मारे गए, 86 घायल हुए और 1592 को गिरफ्तार किया गया था।

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