पंजाब में आठ महीने बाद खुले कॉलेज, विश्वविद्यालय, कक्षाओं में होंगे 50 फीसदी छात्र

चंडीगढ़। पूरे देश में कोरोना वायरस का प्रकोप पंजाब में सबसे ज्यादा रहा। पंजाब में कोरोना वायर से अपना कहर बरपाया था। यहां कोरेाना से होने वाली मृत्युदर सबसे ज्यादा थी। हालांकि अब राज्य में स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है मगर कोरोना का खतरा अभी भी बना हुआ है। पंजाब सरकार ने प्रदेश में नियमों में कुछ ढील भी दी है। वहीं कोविड-19 महामारी के कारण करीब आठ महीने बंद रहने के बाद सोमवार को कॉलेज और विश्वविद्यालय फिर से खुल गए।
राज्य सरकार ने इस महीने की शुरुआत में कोविड-19 निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर स्थित शैक्षणिक संस्थानों को खोलने का फैसला किया था। इन संस्थानों को राज्य के स्वास्थ्य विभाग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ चर्चा के बाद विभिन्न संबंधित प्रशासनिक विभागों द्वारा तैयार की गई मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। इससे पहले एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा था कि राज्य में निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर स्थित सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों समेत सभी उच्च शिक्षण, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान एवं तकनीकी शिक्षा संस्थानों को 16 नवंबर से खुलने की अनुमति होगी। महामारी के कारण 24 मार्च से ही राज्य में शैक्षणिक संस्थान बंद थे।
इन नियमों का करना होगा पालन
एसओपी के मुताबिक, संस्थानों को खोले जाने के पहले चरण में विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी जैसे विभागों के अंतिम वर्ष के छात्रों को कक्षाओं में आने की अनुमति होगी जहां प्रायोगिक परीक्षण पाठ्यक्रम का हिस्सा है। इसके बाद अन्य पाठ्यक्रमों के छात्रों को अनुमति होगी। शुरू में हॉस्टलों में एक कमरे में एक ही छात्र रहेगा। शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों और कर्मचारियों का प्रवेश और निकास अलग-अलग द्वार से होगा। थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर की व्यवस्था करनी होगी और कक्षाओं में कुल छात्रों के 50 प्रतिशत से ज्यादा छात्रों को नहीं बुलाया जाएगा।
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