पिछले साल के मुकाबले पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में हुई बढ़ोतरी, दबके कट रहे चालान

चंडीगढ़। पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला बदसतूर जारी है। राज्य में पराली जलाने के मामलों में पिछले साल के मुकाबले बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पंजाब में 21 सितंबर से दो नवंबर तक पराली जलाए जाने की पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 49 प्रतिशत अधिक घटनाएं हुई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार यह जानकारी सामने आई है। पंजाब सुदूर संवेदन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, इस धान के मौसम में राज्य में अब तक 21 सितंबर से 2 नवंबर तक पराली जलाने की 36,755 घटनाएं हुई हैं, जबकि 2019 में इसी अवधि में ऐसी घटनाओं की संख्या 24,726 थी। राज्य में 2017 और 2018 में पराली जलाए जाने की घटनाओं की संख्या क्रमशः 29,156 और 24,428 रही थी। इस उत्तरी राज्य में कई किसान इस पर प्रतिबंध के बावजूद धान के पुआल को जला रहे है. पंजाब में सोमवार को पराली जलाने की 3,590 घटनाएं सामने आई हैं।
पंजाब में पराली जलाने के कारण दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में वायु प्रदूषण बढ़ा हुआ है। दिल्ल-एनसीआर में मंगलवार को भी प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आई है। आसमान में प्रदूषण की धुंध छाई है। हवा की क्वालिटी अब भी बेहद खराब है। बता दें कि पराली जलाने के घटनाओं से दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर गंभीर अवस्था में पहुंचता जा रहा है। बता दें कि पंजाब सुदूर संवेदन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, इस धान के मौसम में राज्य में अब तक 21 सितंबर से 2 नवंबर तक पराली जलाने की 36,755 घटनाएं हुई हैं, जबकि 2019 में इसी अवधि में ऐसी घटनाओं की संख्या 24,726 थी।
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