पंजाब में अब तक पराली जलाए जाने के 23 हजार से अधिक मामले, 85 लाख का लगाया जा चुका है जुर्माना

पंजाब में जारी खरीफ के मौसम में एक महीने में पराली जलाए जाने के 23,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। आधिकारिक आंकड़ों में कहा गया है कि अनेक धान उत्पादक किसान फसलों के अवशेष जलाने पर लगे प्रतिबंध का लगातार उल्लंघन कर रहे हैं, जिसके चलते प्रशासन ऐसे किसानों पर 85 लाख रुपये जुर्माना लगा चुका है।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के एक अधिकारी ने इस साल धान की फसल के जल्दी उगने को पराली जलाए जाने के मामलों में वृद्धि की वजह बताया है और ऐसे मामलों में कमी आने की उम्मीद जतायी है। राज्य सरकार ने पराली जलाए जाने के मामलों पर नजर रखने के लिये 8,000 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है और फसलों के अवशेषों को नष्ट करने के लिये और अधिक मशीनें दी हैं, इसके बावजूद पराली जलाए जाने के मामले सामने आ रहे हैं।
पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 21 सितंबर से 29 अक्टूबर के बीच पराली जलाए जाने के कुल 23,177 मामले सामने आए हैं। आंकड़ों के अनुसार पिछले साल समान अवधि के दौरान राज्य में पराली जलाए जाने के 19,869 मामले सामने आए थे।
अध्ययन को संकलित करने वालीं प्रभजोत कौर सिद्धू ने बताया कि अगर पंजाब से धुआं हरियाणा और दिल्ली की ओर बढ़ता है, तो हवा की गति 4-5 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक होनी चाहिए और इसकी दिशा उत्तर-पश्चिम या कम से कम पश्चिम होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अध्ययन के तीन वर्षों में, केवल एक दिन 7 नवंबर, 2019 को हवा की गति 5 किलोमीटर/ घंटा से बढ़कर 5.9 किलोमीटर/ घंटा हो गई थी।
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