पंजाब में कोयले की कमी से छाए संकट के बादल, दो-तीन घंटे ठप रहेगी बिजली आपूर्ति

पंजाब में कोयले की कमी से छाए संकट के बादल, दो-तीन घंटे ठप रहेगी बिजली आपूर्ति
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पंजाब में नए कृषि विधेयक का मामला अब राजनीतिक संकट के साथ साथ और भी कई तरह के संकट पैदा कर रहा है। राज्य में मालगाड़ियों का परिचालन रुकने की वजह से राज्य में बिजली संकट के बादल छा गए हैं।

चंडीगढ़। पंजाब में नए कृषि विधेयक का मामला अब राजनीतिक संकट के साथ साथ और भी कई तरह के संकट पैदा कर रहा है। राज्य में मालगाड़ियों का परिचालन रुकने की वजह से राज्य में बिजली संकट के बादल छा गए हैं। किसानों ने कृषि विधेयकों के विरोध में रेल की पटरियों पर डेरा डाल रखा है। जिसकी वजह से मालगाड़ियों का परिचालन ठप पड़ा है। पंजाब के सरकारी विद्युत निगम ने कहा है कि राज्य में तीन निजी बिजली संयंत्र बंद होने और दो विद्युत स्टेशनों में कोयले की कमी के चलते मंगलवार शाम से प्रत्येक श्रेणी में कम से कम दो-तीन घंटे बिजली आपूर्ति ठप रहेगी। केन्द्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसान कुछ ट्रेन पटरियों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते रेलवे ने मालगाड़ियों की आवाजाही रोक लगा रखी है। इसकी वजह से ताप विद्युत संयंत्रों को होने वाली कोयले की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। मुश्किल हालात के मद्देनजर पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के अध्यक्ष ए वेणु प्रसाद ने कहा कि हम आज शाम से दो-तीन घंटे बिजली कटौती करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली कटौती को बढ़ाकर 4-5 घंटे किया जा सकता है। हालात काफी नाजुक हैं।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि दिन के समय में बिजली उपलब्धता में भारी कमी के चलते विभाग के पास मंगलवार शाम से सभी रिहायशी, वाणिज्यिक और कृषि उपभोक्ताओं की श्रेणी में बिजली कटौती किए जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में दिन के समय में बिजली की मांग करीब 5100-5200 मेगावाट है जबकि रात में मांग करीब 3,400 मेगावाट है। अधिकारी ने कहा कि दूसरी तरफ आपूर्ति अपर्याप्त होने के चलते केवल कृषि विद्युत (एपी) श्रेणी के फीडरों को दिन के समय में रोजाना चार-पांच घंटे आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है जोकि करीब 800 मेगावाट है। वहीं, निजी बिजली वितरक कंपनी जीवीके पावर ने कहा है कि कोयले का भंडार पूरी तरह खत्म होने के चलते वह मंगलवार शाम से संचालन बंद कर देगी। दो अन्य निजी बिजली संयंत्रों-राजपुरा स्थित नाभा पावर और मानसा स्थित तलवंडी साबो- ने कोयले की कमी के चलते पहले ही संचालन बंद कर दिया है।

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