पंजाब विधानसभा में कृषि अध्यादेश के खिलाफ प्रस्ताव पास, विपक्ष ने किया समर्थन

चंडीगढ़। पंजाब में आज विधानसभा का एक दिवसीय मॉनसून सत्र कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर सख्त नियमों के तहत आयोजित किया गया। हालांकि पॉजिटिव विधायकों-मंत्रियों की संख्या बढ़कर 29 तक पहुंच गई है, जिसके चलते आज कई विधायक बैठक में शामिल नहीं हो सके।
आज विधानसभा सत्र में पंजाब कैबिनेट द्वारा कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इनमें से खेती ऑर्डिनेंस अहम रहा। गौरतलब है कि इस ऑर्डिनेंस के खिलाफ विपक्ष दल भी एकजुट रहा, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह ऑर्डिनेंस किसान विरोधी है। कैप्टन के इस प्रस्ताव का आप नेता कुलतार सिंह संधवा और बाकी नेताओं की तरफ से समर्थन किया गया।
सदन में गूंजा पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाला मामला
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाला पंजाब विधानसभा में भी गूंजा। विपक्ष ने मामले में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा, कुलतार सिंह संधवा व लोग इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस ने घोटाले का मामला उठाया। कहा कि इस मामले की ईमानदारी से जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोपित मंत्री साधू सिंह धर्मसोत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की।
117 विधायकों में से 52 विधायक ही रहे मौजूद
पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय मानसून सत्र में 117 विधायकों में से 52 ही मौजूद हैं। आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों को ही सदन में एंट्री मिली है, जबकि अकाली दल का कोई भी विधायक सदन में मौजूद नहीं है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से कई विधायक सत्र में शामिल नहीं हो सके। पिछले कई दिनों से यहां नेताओं को भी कोरोना अपनी चपेट में ले रहा है।
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