पंजाब कैबिनेट ने दी मंजूरी, राज्य में विश्वविद्यालयों को निर्माण क्षेत्र नियम में मिलेगी छूट

कैबिनेट द्वारा बहु-डोमेन विश्वविद्यालय (विभिन्न तरह के पाठ्यक्रम की पेशकश करने वाले विश्वविद्यालय) के लिए निर्माण क्षेत्र की जरूरत को 50,000 वर्ग मीटर से कम करके 30,000 वर्ग मीटर करने और एकल-डोमेन विश्वविद्यालय के लिए निर्माण क्षेत्र की जरूरत को 20,000 वर्ग मीटर से कम करके 15,000 वर्ग मीटर करने का निर्णय किया गया।
कैबिनेट की बैठक के बाद एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये कैबिनेट की इस बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में तदनुसार पंजाब निजी विश्वविद्यालय नीति-2010 में संधोधन करने का भी निर्णय किया गया। इस कदम से राज्य में और निजी विश्वविद्यालय स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा।
यह निर्णय उस कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप किया गया है जिसका गठन राज्य में नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए छूट के लिए विभिन्न निकायों से प्राप्त अभ्यावेदनों पर विचार करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मुख्य सचिव के नेतृत्व में किया गया था।
प्रवक्ता ने कहा कि संशोधित नीति से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अधिक निवेश में मदद मिलेगी और उम्मीद है कि पंजाब में दो और विश्वविद्यालयों की स्थापना होगी जिनका गठजोड़ विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों के साथ है। प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब निजी विश्वविद्यालय नीति -2010 के तहत अब तक 14 विश्वविद्यालयों को मंजूरी दी है।
इनके अलावा, चार और निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं। कैबिनेट ने एक अन्य फैसले में राज्य भर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास (आरएसएसबी) द्वारा स्थापित या भविष्य में स्थापित किए जाने वाले 'सत्संग भवन' के लिए भू-उपयोग शुल्क (सीएलयू) और कई अन्य शुल्क माफ करने की मंजूरी दी।
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