Punjab: जालंधर में किसानों ने प्रदर्शन किया, केजरीवाल सरकार पर लगाया मांगों की अनदेखी का आरोप

पंजाब के जालंधर में किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए। पंजाब किसान संघर्ष कमेटी के आह्वान पर जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचे किसानों ने आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पर जमकर हमला बोला। साथ ही, आप संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर भी वादों की अनदेखी का आरोप लगाया। किसानों ने अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा कर दी है। उनका कहना है कि जब तक मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक धरना जारी रहेगा। इस दौरान किसान अनिश्चितकालीन ट्रैक्टर ट्रालियों पर खाने-पीने का सामान लेकर भी पहुंचे थे और सभी ट्रैक्टर ट्रालियों को डीसी ऑफिस परिसर के भीतर ही खड़ा कर दिया है।
किसानों ने सरकार के सामने रखीं अपनी मांगें
किसानों ने घरने पर बैठते हुए अपना लंबा चौड़ा एक मांगपत्र सरकर के सामने रख दिया है। इसमें मुख्य तौर पर पराली जलाने की आजादी से लेकर दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को मुआवजा देने आदी की मांग शामिल हैं। किसानों ने अपनी मांग सरकार के सामने रखते हुए कहा कि कर्ज में डूबे किसानों की जमीनें कुर्क की जा रही हैं, जोकि अब कुर्क नहीं होनी चाहिए। वहीं किसानों ने कहा अगर हम पराली जलाते हैं तो सरकार जुर्माना लगा रही है। साथ ही, राजस्व रिकाॅर्ड में रेड एंट्री की जा रही है। राज्य में पराली जलाने का कई प्रबंधन नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सब पर रोक लगनी चाहिए।
किसानों ने पंजाब में हो रही पानी की बर्बादी के लिए सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया है। किसानों ने कहा कि पंजाब में भूजल से लेकर नदियों का पानी दिन प्रतिदिन प्रदूषित होता जा रहा है। अनेकों शहरों में सीवरेज का गंदा पानी प्राकृतिक स्रोतों को दूषित कर रहा है, इसको ट्रीट कर नहरों से खेतीबाड़ी के लिए दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही किसानों ने बिजली एक्ट 2022 का भी विरोध किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी के जिला प्रधान सलविंदर सिंह जाणिया और सूबा संगठन के सचिव सुखविंदर सिंह सभरा ने आम आदमी पार्टी पर वादा कर भूल जाने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि चुनाव के समय केजरीवाल सरकार ने वादा किया गया था कि, आम आदमी पार्टी की सरकार आने पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए तमाम किसान के परिजनों को 5 लाख रुपए मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। लेकिन चुनाव जीतने के बाद भी वादे पूरे नहीं हुए हैं। सरकार जितनी जल्दी हो सके परिजनों को मुआवजा देने का काम करे। इन्हीं मांगों के साथ 'पंजाब किसान संघर्ष कमेटी' किसानों और मजदूरों के साथ मिलकर धरने पर बैठे हैं।
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