पंजाब सरकार की नई पहल- घर में क्वरांटाइन होने वाले गरीब परिवारों को मुफ्त में भोजन के पैकेट देगी सरकार

चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने कहा कि गरीब परिवार से आने वाले जो लोग इस डर से कोरोना वायरस जांच नहीं कराना चाहते कि उनमें संक्रमण की पुष्टि होने पर पृथक-वास में भेज दिया जाएगा और इससे उनकी आजीविका प्रभावित होगी, ऐसे लोगों को मुफ्त में भोजन के पैकेट दिए जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि संक्रमण और कोविड-19 से होने वाली मौत के मामलों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए कोरोना वायरस जांच को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यह फैसला लिया है। सिंह ने कहा कि मुफ्त में भोजन के पैकेट वितरित करने से गरीब परिवार जांच कराने के लिए आगे आएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब में महामारी को फैलने से रोकने के लिए यह जांच होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जांच का कार्यक्रम संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित जिले पटियाला से शुरू होगा। विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने अन्य जिलों को भी इसी प्रकार की व्यवस्था करने का निर्देश दिया ताकि घर में पृथक-वास में रह रहे कोरोना वायरस संक्रमण के गरीब मरीज जांच के लिए बाहर आएं और आजीविका चले जाने के डर के साए में न रहें।
पंजाब में घरेलू एकांतवास (होम क्वारंटाइन) में रह रहे कोविड के मरीजों को अब सामाजिक भेदभाव से डरने की जरूरत नहीं है। उनके घरों के बाहर कोविड मरीज होने से संबंधित पोस्टर अब नहीं लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सरकार के पहले वाले उस फैसले को वापस ले लिया जिसके आधार पर घरेलू एकांतवास में रह रहे कोविड के मरीजों के घरों के बाहर पोस्टर चिपकाए जा रहे थे। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पहले लगाए गए पोस्टर हटा लिए जाएं।
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