पंजाब जहरीली शराब त्रासदी : शिअद ने कैप्टन सरकार पर लगाए आरोप, लोगों का इलाज कराने में विफल रही सरकार

अमृतसर। पंजाब में पिछले दिनों जहरीली शराब त्रासदी मामला होने के बाद राज्य में सरकार पर संकट गरमा गया है। कैप्टन सरकार पर विपक्ष जम कर हमला बोल रहा है। वहीं कांग्रेस पार्टी में ही इस मामले को लेकर कलह चल रही है। इसी बीच विपक्षी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पंजाब सरकार पर जहरीली शराब पीने के बाद कथित रूप से अपनी आंखों की रोशनी गंवा बैठे लोगों का उपचार कराने में विफल रहने का आरोप लगाया। शिअद के वरिष्ठ नेता ने बिक्रम सिंह मजीठिया ने यहां संवाददाता सम्मेलन में यह आरोप लगाया। संवाददाता सम्मेलन में वे लोग भी थे जिनके रिश्तेदारों की आंखों की रोशनी इस जहरीली शराब त्रासदी के बाद चली गयी।
121 लोगों की गई जान
पंजाब के तीन जिलों--तरणतारण, अमृतसर और गुरदासपुर में जहरीली शराब पीने से 121 लोगों की जान चली गयी। संवाददाता सम्मेलन में आंखों की रोशनी गंवा चुके दो लोगों के रिश्तेदारों ने दावा किया कि उन्होंने निजी अस्पताल में 20000 और 42000 रुपये खर्च किये जबकि एक अन्य के रिश्तेदार ने कहा कि तरणतारण में एक सरकारी अस्पताल में उसे सूई के पैसे देने पड़े। रिश्तेदारों ने दावा कि कोई भी कांग्रेस विधायक या जिला कांग्रेस पदाधिकारी उनके संबंधियों को देखने अस्पताल नहीं पहुंचा। मजीठिया ने कहा कि यह स्तब्ध करने वाली बात है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उन लोगों के परिवारों से भेंट नहीं की, जिनकी इस जहरीली शराब त्रासदी के बाद आंखों की रोशनी हमेशा-हमेशा के लिए चली गयी। शिअद नेता ने मांग की कि प्रभावितों को 20 लाख रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाएं और उनकी आंखों की दृष्टि चले जाने के लिए जिम्मेदार लोगों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो।
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