पंजाब ने सीबीआई को दी गई मामलों की जांच करने संबंधी 'सामान्य सहमति' का लिया वापस

पंजाब ने सीबीआई को दी गई मामलों की जांच करने संबंधी सामान्य सहमति का लिया वापस
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पंजाब सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने पंजाब में कांग्रेस सरकार ने राज्य में मामलों की जांच करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सामान्य सहमति को वापस ले लिया है।

चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने पंजाब में कांग्रेस सरकार ने राज्य में मामलों की जांच करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सामान्य सहमति को वापस ले लिया है। पंजाब अब उन गैर भाजपा शासित राज्यों में शामिल हो गया है जिन्होंने इसी तरह का कदम उठाया है। पश्चिम बंगाल, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड और छत्तीसगढ़ सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति पहले ही वापस ले चुके हैं। पंजाब सरकार द्वारा आठ नवंबर को जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, सीबीआई को राज्य में किसी भी मामले की जांच करने के लिए पंजाब सरकार से पहले मंजूरी लेनी होगी।

सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम के तहत आती है। गृह एवं न्याय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा छह के तहत दी गई शक्ति का इस्तेमाल करते हुए पंजाब सरकार दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना के सदस्यों को दी गई सामान्य सहमति को वापस लेती है। अधिसूचना में कहा गया है कि पहले जारी की गई सभी सामान्य सहमतियों को रद्द करने के मद्देनजर, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना को राज्य में मामलों की जांच के लिए पंजाब सरकार से पूर्व मंजूरी लेने की जरूरत होगी। पंजाब सरकार ने 2015 में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी की घटनाओं की जांच के लिए सीबीआई को दी गई मंजूरी को वापस ले लिया था। इस बाबत 2018 में राज्य विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया था। बाद में, सरकार ने इस मामले की जांच पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम को सौंपी थी।

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